विधानसभा में स्वच्छता की अनदेखी पर सख्त रुख, अध्यक्ष ने पान मसाला थूकने की घटना पर जताई कड़ी नाराजगी
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश विधानसभा में अनुशासन और स्वच्छता बनाए रखने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सख्त रुख अपनाया और एक अनुशासनहीन घटना पर गहरी नाराजगी जताई। मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा मंडप के प्रवेश द्वार के पास पान मसाला थूकने की घटना सामने आई, जिसे लेकर अध्यक्ष ने तुरंत संज्ञान लिया और सफाई सुनिश्चित करवाई। इस अव्यवस्थित और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार की निंदा करते हुए उन्होंने सदन में स्पष्ट संदेश दिया कि विधानसभा की गरिमा को बनाए रखना केवल किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी का नैतिक दायित्व है।
अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि इस अनुशासनहीन कृत्य का वीडियो उपलब्ध है, लेकिन किसी सदस्य को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना उनका उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस गलती को स्वीकार कर लेता है, तो यह अधिक सम्मानजनक होगा, अन्यथा उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि यदि भविष्य में किसी को ऐसा करते देखें तो उसे तत्काल रोकें और विधानसभा की मर्यादा बनाए रखने में सहयोग करें।
महाना ने आगे कहा कि विधानसभा किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि 403 सदस्यों की साझा जिम्मेदारी है, जो पूरे उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ नागरिकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस पवित्र स्थल को साफ-सुथरा रखना और इसकी गरिमा बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने सदन में कहा कि कुछ सदस्यों ने दोषी का नाम उजागर करने की मांग की, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनका उद्देश्य किसी को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करना नहीं था, बल्कि अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करना था।
विधानसभा अध्यक्ष के इस कड़े संदेश के बाद सदन में अनुशासन और स्वच्छता को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई। उन्होंने दोहराया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा राज्य के नागरिकों की आस्था और गरिमा का प्रतीक है, और इसका सम्मान बनाए रखना सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों का नैतिक कर्तव्य है। इस घटना ने विधायकों और अन्य सदस्यों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वे किस तरह से विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं