नागपुर हिंसा में कड़ी कार्रवाई: मास्टरमाइंड के घर चला बुलडोजर, बढ़ी कानूनी मुश्किलें
नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर में बीते सोमवार को भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अब नगर निगम की टीम उसके घर पर बुलडोजर चलाने पहुंच गई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि फहीम खान ने लोगों को भड़काऊ भाषण देकर भीड़ इकट्ठा की और दंगे भड़काने की साजिश रची।
कौन है फहीम शमीम खान और क्यों आया विवादों में?
फहीम शमीम खान 38 वर्षीय अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) का नागपुर शहर अध्यक्ष है। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ चुका है लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव हारने के बाद वह नागपुर में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के लिए सक्रिय हो गया था। पुलिस को शक है कि वह पहले से ही एक संगठित तरीके से दंगा भड़काने की साजिश रच रहा था। पुलिस के मुताबिक, उसने सोशल मीडिया और गुप्त बैठकों के माध्यम से अपने समर्थकों को भड़काया और एक रणनीति के तहत हिंसा को अंजाम दिया।
हिंसा कैसे भड़की? औरंगजेब की कब्र विवाद बना कारण
नागपुर हिंसा की जड़ में औरंगजेब की कब्र को लेकर हुआ विवाद था। हाल ही में रिलीज हुई विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ के बाद इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया था। फिल्म में औरंगजेब को एक क्रूर शासक के रूप में दिखाए जाने पर मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में नाराजगी थी। इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की बात कही, जिससे विवाद और बढ़ गया। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने औरंगजेब का समर्थन करते हुए कहा कि फिल्मों के जरिए उनकी गलत छवि पेश की जा रही है। इस बयान ने विवाद को और भड़का दिया।
इसके बाद, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेज कर दी और यहां तक कह दिया कि अगर सरकार इसे नहीं हटाएगी तो इसका ‘बाबरी’ जैसा हाल किया जाएगा। इसी दौरान, नागपुर के महाल इलाके में दो गुटों के बीच झड़प हो गई, जो धीरे-धीरे हिंसक रूप में बदल गई।
कैसे फैली हिंसा? शहर के कई इलाकों में आगजनी और पथराव
सोमवार रात महाल इलाके में दो गुटों के बीच विवाद हुआ, जो कुछ ही देर में हिंसा में तब्दील हो गया। देखते ही देखते हंसपुरी इलाके में भी हिंसा फैल गई। उग्र भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़, वाहनों में आगजनी और पथराव करना शुरू कर दिया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए, जबकि 60 से अधिक दंगाइयों को हिरासत में लिया गया।
फहीम शमीम खान के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई, पुलिस जुटी मास्टरमाइंड तक पहुंचने में
पुलिस का कहना है कि फहीम खान पहले से ही इस दंगे की साजिश रच रहा था। उसने सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले संदेश पोस्ट किए, अपने समर्थकों को संगठित किया और हिंसा भड़काने की योजना बनाई। जांच में यह भी सामने आया है कि फहीम खान ने अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को उकसाया और दंगे का नेतृत्व किया।
फिलहाल, पुलिस ने फहीम खान को 21 मार्च तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। पुलिस उसकी बैंक डिटेल्स, कॉल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है ताकि उसके अन्य साथियों का भी पता लगाया जा सके। इसी बीच, नागपुर महानगरपालिका ने उसके घर को अवैध निर्माण बताते हुए बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी है।
अभी भी जारी है पुलिस की जांच, मास्टरमाइंड के अन्य साथियों पर भी होगी कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हिंसा की पूरी साजिश पहले से ही रची गई थी और इसके पीछे सिर्फ फहीम खान ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य कट्टरपंथी लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
नागपुर हिंसा के बाद अब शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दिया है। वहीं, राजनीतिक दलों के बयान भी आ रहे हैं, जिससे मामला और गर्मा सकता है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस पूरे षड्यंत्र का खुलासा किया जाएगा और बाकी आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।