छत्तीसगढ़ को निवेश का हब बनाने की ओर कदम: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उद्योगपतियों को दिया निवेश का खुला निमंत्रण
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए निवेशकों को आमंत्रित करते हुए अपनी नई उद्योग नीति को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिसका सकारात्मक परिणाम यह हुआ कि राज्य को अब तक 1 लाख 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में आयोजित ‘इंडस्ट्री डायलॉग’ कार्यक्रम में उद्यमियों को संबोधित करते हुए निवेशकों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रोत्साहनों और नीतिगत सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ‘न्यूनतम प्रशासन, अधिकतम प्रोत्साहन’ की नीति पर काम कर रही है, जिससे उद्यमियों को निवेश-अनुकूल माहौल मिल सके और राज्य के आर्थिक विकास को गति दी जा सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘रैंप’ योजना की शुरुआत की, जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सहयोग प्रदान करने वाली केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत लाभार्थियों को करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता वितरित की और 16 निवेशकों को ‘इनविटेशन टू इन्वेस्ट’ पत्र प्रदान किए, जिससे प्रदेश में 11,733 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 9,000 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ विजन 2047’ तैयार किया है और इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने राज्य में व्यापार करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाने का जिक्र करते हुए बताया कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के तहत अनुमोदन और नवीनीकरण की प्रक्रिया को अत्यंत सहज बना दिया गया है, जिससे राज्य में निवेश के प्रति आकर्षण बढ़ा है। सरकार नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना कर रही है, जिसमें 7 नए लघु औद्योगिक क्षेत्र और 4 बड़े औद्योगिक क्षेत्र शामिल हैं। विशेष रूप से बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट के आसपास सहायक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए नगरनार के पास नियानार में 118 एकड़ भूमि में एक नया औद्योगिक पार्क विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रायपुर, दिल्ली और मुंबई में इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें निवेशकों ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने में अपनी गहरी रुचि दिखाई। अब तक 50 से अधिक उद्यमियों को निवेश प्रमाणपत्र सौंपे जा चुके हैं, जिससे राज्य की औद्योगिक गतिविधियों को मजबूती मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य है, साथ ही यह बिजली सरप्लस स्टेट भी है। सेंट्रल इंडिया में स्थित होने के कारण इसकी कनेक्टिविटी उत्कृष्ट है, जो इसे निवेश के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाती है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सूचना प्रौद्योगिकी (IT), डेटा सेंटर, रोबोटिक्स, फार्मास्युटिकल और रेडीमेड गारमेंट सेक्टर जैसे क्षेत्रों में निवेश को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर और AI आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो प्रदेश के औद्योगिक विकास को और अधिक गति देंगे।
छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती मना रहा है और इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने राज्य की आर्थिक यात्रा की झलक भी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी 20 गुना बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो राज्य की मजबूत अर्थव्यवस्था का प्रमाण है। बजट के आकार में भी वृद्धि हुई है और सरकार पूंजीगत व्यय को लगातार बढ़ाने पर काम कर रही है। उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए हर क्षेत्र में सकारात्मक पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति के माध्यम से बाहरी निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है और राज्य में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने पिछले 6 वर्षों से अनुदान राशि न प्राप्त कर पाने वाले उद्योगों के लिए भी राहत की घोषणा की। मंत्री देवांगन ने बताया कि 489 करोड़ रुपये की राशि 1,049 लघु और बड़े उद्योगों को जारी की जाएगी, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को गति मिलेगी। इस दौरान, मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों ने 16 निवेशकों को ‘इनविटेशन टू इन्वेस्ट’ पत्र सौंपे। इस निवेश के माध्यम से राज्य में 11,733 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह होगा और लगभग 9,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्रम में एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से प्रशिक्षण प्राप्त पांच युवाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की संचालक अंकिता पांडेय सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने संबोधित किया। उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, उद्यमी एवं उद्योग जगत से जुड़े लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियों में व्यापक सुधार किए हैं, जिससे उद्योग जगत को लाभ मिल रहा है। इस प्रकार, नई औद्योगिक नीति राज्य के विकास को एक नई दिशा देने के लिए पूरी तरह तैयार है, और सरकार निवेशकों को हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।