“अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान, भारतीय सरकार कर रही है अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत”

नई दिल्ली:  विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया कोई नई घटना नहीं है, बल्कि यह एक लंबे समय से चल रही प्रक्रिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सभी देशों का कर्तव्य है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से निवास कर रहे हैं, तो उन्हें वापस अपने देश भेजा जाए। जयशंकर ने यह भी बताया कि भारतीय सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो भारतीय निर्वासित किए जा रहे हैं, उनके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो।

इस प्रक्रिया का ताजा उदाहरण बुधवार को देखने को मिला, जब अमेरिका ने अवैध रूप से रहने वाले भारतीय नागरिकों का पहला जत्था पंजाब के अमृतसर भेजा। इस जत्थे में कुल 104 लोग शामिल थे, जिनमें से अधिकतर 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से थे। पंजाब से 30, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से तीन-तीन, और चंडीगढ़ से दो लोग इस जत्थे का हिस्सा थे। इसमें 25 महिलाएं और 12 नाबालिग शामिल हैं, जिनमें सबसे कम उम्र का बच्चा केवल चार साल का है।

इस उड़ान में 11 चालक दल के सदस्य और 45 अमेरिकी अधिकारी भी सवार थे, जो निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी कर रहे थे। यह सी-17 विमान, जो अमेरिकी सेना द्वारा चलाया गया, कड़ी सुरक्षा के बीच श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा।

प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, भारत से लगभग 7,25,000 अवैध अप्रवासी अमेरिका में निवास कर रहे हैं, जिससे भारत मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अमेरिका में अवैध अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है। भारत सरकार द्वारा इस मुद्दे पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ निरंतर संवाद किया जा रहा है, ताकि निर्वासितों के अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।