“ईरान के राजदूत इराज इलाही का बयान: इस्राइल पर हमला ‘प्रतिशोध’, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए समर्थन जारी रहेगा”
नई दिल्ली : ईरान के राजदूत इराज इलाही ने हाल ही में एक बयान में हमास के प्रति ईरान के समर्थन के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ईरान हमास का समर्थन इसलिए करता है ताकि गाजा पर इस्राइल का कब्जा न हो सके और फलस्तीन के निवासियों और उनके बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचे। इलाही ने स्पष्ट किया कि ईरान की मुख्य रणनीति और सिद्धांत क्षेत्र में किसी भी तरह के भूगोलिक बदलाव के खिलाफ हैं। उन्होंने इस्राइल पर आरोप लगाया कि वह क्षेत्र की स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है, जो ईरान के लिए अस्वीकार्य है।
उन्होंने इस्राइल के खिलाफ ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को एक प्रतिशोध के रूप में बताया, यह कहते हुए कि यह कार्रवाई तब हुई जब इस्राइल ने तेहरान में हमास के एक नेता की हत्या की थी, जो ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन था। ईरान के पास अपने देश की रक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इसके साथ ही, उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री के लेबनान दौरे का भी उल्लेख किया, जो लेबनानी लोगों के साथ एकजुटता दिखाने और उनकी संप्रभुता का समर्थन करने के लिए था।
राजदूत ने यह भी कहा कि ईरान का समर्थन हिजबुल्ला के प्रति है ताकि इस्राइल और अधिक क्षेत्र पर कब्जा न कर सके। उन्होंने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के उस बयान की भी सराहना की, जिसमें खामेनेई ने कहा था कि ईरान पीछे नहीं हटेगा और इस्राइल अधिक समय तक नहीं टिक सकेगा।
इलाही ने स्पष्ट किया कि सात अक्तूबर को हुए हमलों की उनकी दृष्टि कई अन्य देशों की तुलना में भिन्न है। उन्होंने कहा कि यह घटना अचानक नहीं हुई है और इसके पीछे का इतिहास महत्वपूर्ण है। इस्राइल की स्थापना के तरीके की आलोचना करते हुए, उन्होंने बताया कि किस प्रकार इस्राइल ने फलस्तीनियों की भूमि पर कब्जा किया, उनके घरों को जलाया, और उन्हें अपनी मातृभूमि से बेदखल किया। ईरान के राजदूत ने यह निष्कर्ष निकाला कि फलस्तीनियों का संघर्ष उनकी मातृभूमि की रक्षा के लिए है, और वे सभी प्रकार के दुष्प्रचार के बावजूद अपनी आवाज उठा रहे हैं।
इस प्रकार, ईरान का दृष्टिकोण न केवल हमास के समर्थन तक सीमित है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता, संप्रभुता और ऐतिहासिक संदर्भ को भी महत्व देता है। ईरान का यह दृष्टिकोण न केवल वर्तमान की घटनाओं को समझने में मदद करता है, बल्कि भविष्य में संभावित टकरावों की दिशा भी निर्धारित कर सकता है।