“राज्य स्तरीय स्वास्थ्य समीक्षा बैठक: मंत्री जायसवाल ने योजनाओं में सुधार के दिए सख्त निर्देश”
रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने शुक्रवार को सिविल लाइन स्थित सर्किट हाउस के ऑडिटोरियम में स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक का नेतृत्व किया। यह महत्वपूर्ण बैठक दो दिनों तक चलेगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यों की गहन समीक्षा की जा रही है। पहले दिन मंत्री जायसवाल ने विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों को संबोधित करते हुए जोर दिया कि सभी अपनी जिम्मेदारियां निस्वार्थ भाव से निभाएं और आम जनता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को निरंतर मजबूत बनाने के प्रयास जारी हैं। बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की बड़ी परियोजनाओं और उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया। इनमें बिलासपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में 700 बिस्तरों के नवीन अस्पताल भवन का 231 करोड़ रुपये का ई-टेंडर और चार नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए 1,020 करोड़ रुपये का ई-टेंडर जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक वर्ष के भीतर 800 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों, विशेषज्ञ चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई है। राज्य में एमबीबीएस पाठ्यक्रम को हिंदी में पढ़ाने का निर्णय भी राज्य की स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रगति में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है। इन सभी योजनाओं और निर्णयों ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती दी है।
मंत्री जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि स्वास्थ्य योजनाओं का संचालन और क्रियान्वयन ऐसे हो कि हर जरूरतमंद तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने यह भी जोर दिया कि योजनाओं का कार्यान्वयन पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ होना चाहिए।
समीक्षा बैठक में वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ विभिन्न जिलों से आए स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को योजनाओं में किसी भी तरह की लापरवाही से बचने की हिदायत दी और आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए।
इस बैठक का उद्देश्य राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चल रही परियोजनाओं और योजनाओं की प्रगति की निगरानी और उनके सुधार के लिए ठोस कदम उठाना था। मंत्री की यह पहल स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है और इससे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का व्यापक विकास सुनिश्चित होगा।
