आचार्य अरविंद मुनि की राज्यपाल रमेन डेका से विशेष भेंट: सेवा और साधना पर मार्गदर्शन
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने आज राजभवन में आचार्य जैन गुरू अरविंद मुनि जी का स्वागत किया। इस अवसर पर अरविंद मुनि जी ने राज्यपाल को ‘‘साधना, सेवा एवं स्वस्थ जीवन के सोपान‘‘ नामक पुस्तक भेंट की, जो आध्यात्मिक जीवनशैली और स्वस्थ रहने के सिद्धांतों पर आधारित है। राज्यपाल ने इस अनमोल उपहार को सहर्ष स्वीकार किया और आचार्य मुनि जी के विचारों की सराहना की।
राजभवन में इसके अलावा, गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल के नेतृत्व में शिक्षा, संस्कृति उत्थान न्यास के प्रतिनिधियों ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन चर्चा हुई। इस मुलाकात में ओम शर्मा, सुरेश गुप्ता समेत न्यास के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को नीति के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कदमों और सुझावों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
राज्यपाल रमेन डेका ने देश और प्रदेशवासियों को आगामी नववर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के सुख-शांति और समृद्धि की कामना की और सभी से संकल्प लेने का आह्वान किया कि नए वर्ष के शुभारंभ पर हम न केवल अपने, बल्कि दूसरों की भलाई के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने दूसरों की सहायता और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने को व्यक्तिगत खुशी का सबसे बड़ा माध्यम बताया।
राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ पहल की सराहना की। उन्होंने आग्रह किया कि हर परिवार अपने घर में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाए। राज्यपाल ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया, जो स्थायी विकास और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा।
अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि नया साल नए उत्साह, नई संभावनाओं और सकारात्मक ऊर्जा के साथ आता है। उन्होंने प्रदेश को समृद्ध और सशक्त बनाने की दिशा में एकजुट होकर प्रयास करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि जब प्रत्येक नागरिक छोटे लेकिन सार्थक प्रयास करता है, तो वह न केवल व्यक्तिगत विकास में, बल्कि देश और समाज के प्रगति पथ पर भी योगदान देता है।
इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे न केवल अपने जीवन को खुशहाल बनाएं, बल्कि दूसरों की मदद और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी जागरूक रहें, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित हो सके।