क्या कहा सोनिया और राहुल गांधी ने?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में अभिभाषण दिया, जिसमें उन्होंने सरकार की नीतियों और भविष्य की योजनाओं पर बात की। इसके बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, “अभिभाषण के अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक चुकी थीं और मुश्किल से बोल पा रही थीं।” वहीं, राहुल गांधी ने भी उनके अभिभाषण को उबाऊ बताया।
कांग्रेस नेताओं के इन बयानों पर भाजपा ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे देश की प्रथम नागरिक का अपमान करार दिया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, वह बेहद निंदनीय है। यह कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है।”
भाजपा का तीखा पलटवार
भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, “जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की बागडोर संभाली है, उनकी नीतियां और बयान पूरी तरह से संवैधानिक पदों के प्रति अपमानजनक होते जा रहे हैं। कांग्रेस का यह व्यवहार कोई नई बात नहीं है। एक आदिवासी महिला, जो भारत की प्रथम नागरिक बनीं, उनके भाषण को इस तरह की टिप्पणी से खारिज करना कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।”
इसके अलावा, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा संविधान और संवैधानिक संस्थानों का अनादर किया है। यह उनका इतिहास रहा है।”
प्रियंका गांधी ने मोदी पर साधा निशाना
इस विवाद के बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जनता के असली मुद्दों पर बात ही नहीं करना चाहते, न ही उनके समाधान में रुचि रखते हैं। जब भी कोई गंभीर बहस छेड़ने की कोशिश होती है, वह इसे टालने के लिए ऐसे बयान देते हैं।”
प्रियंका गांधी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने कहा था कि “2014 से अब तक यह पहला संसद सत्र है, जिसके पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की।”
क्या है इस विवाद के राजनीतिक मायने?
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव नया नहीं है, लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान ने इस बार विवाद को और गहरा कर दिया है। भाजपा इसे आगामी चुनावों से जोड़कर कांग्रेस पर निशाना साध रही है, जबकि कांग्रेस इसे भाजपा की राजनीतिक चाल बता रही है।
इस विवाद के चलते संसद के आगामी सत्र में हंगामे की पूरी संभावना है। भाजपा कांग्रेस से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के माफी मांगने की मांग कर सकती है, जबकि कांग्रेस इसे प्रधानमंत्री मोदी के बयानों के खिलाफ पलटवार के रूप में इस्तेमाल करेगी।