जालना में हैरान कर देने वाला मामला: शादीशुदा बेटी को दो महीने तक जंजीरों से बांधकर रखा, पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेश पर कराया मुक्त
जालना: महाराष्ट्र के जालना जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 20 वर्षीय शादीशुदा महिला को उसके ही माता-पिता ने जबरन कैद कर रखा था। अंतरधार्मिक विवाह करने से नाराज माता-पिता ने अपनी बेटी को दो महीने तक घर में जंजीरों से बांधकर रखा। पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच के आदेश पर कार्रवाई करते हुए महिला को मुक्त कराया।
मामला जालना जिले के भोकरदन तहसील के अलापुर गांव का है, जहां शहनाज उर्फ सोनल (20) ने अपनी मर्जी से एक व्यक्ति से अंतरधार्मिक विवाह किया था। शादी के बाद दोनों का तीन साल का बेटा भी हुआ। दो महीने पहले शहनाज अपने बेटे के साथ अपने मायके गई थी, लेकिन वहां माता-पिता और अन्य परिजनों ने उसे जबरन कैद कर लिया और पति के पास लौटने नहीं दिया।
पत्नी के लापता होने के बाद पति ने उसे वापस लाने की कई कोशिशें कीं, लेकिन मायके पक्ष ने उसे घर में घुसने तक नहीं दिया। जब सभी प्रयास विफल हो गए, तो उसने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में याचिका दायर की। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जालना पुलिस को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
अदालत के आदेश के बाद पुलिस की एक टीम ने अलापुर गांव में छापा मारा और घर के अंदर जंजीरों से बंधी हुई शहनाज और उसके तीन साल के बेटे को मुक्त कराया। इसके बाद, पुलिस ने महिला और उसके बच्चे को सरकारी वकील के माध्यम से उसके पति को सौंप दिया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल महिला के माता-पिता के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि, अगर महिला शिकायत दर्ज कराती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में अब भी कई जगहों पर महिलाओं को अपनी पसंद के फैसले लेने की स्वतंत्रता नहीं है। अंतरधार्मिक विवाह को लेकर आज भी कई परिवारों में अस्वीकार्यता देखने को मिलती है, जो इस तरह की अमानवीय घटनाओं को जन्म देती है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के हस्तक्षेप और पुलिस की तत्परता ने इस महिला को दो महीने की कैद से मुक्त कराकर उसके पति और बेटे से मिलाया। यह मामला एक मिसाल बन सकता है कि किसी भी महिला की स्वतंत्रता को इस तरह बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।