“शिवसेना (यूबीटी) का ऐलान – स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी, कांग्रेस पर गठबंधन में विश्वास घात का आरोप”
मुंबई : शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पार्टी गठबंधन में आम सहमति और समझौते पर विश्वास नहीं करते, उन्हें किसी गठबंधन का हिस्सा बनने का कोई हक नहीं है। राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन केवल लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक सीमित था, और इसके बाद से दोनों गठबंधन एक-दूसरे से पूरी तरह से दूर हो गए हैं।
संजय राउत ने कहा कि गठबंधन में भाग लेने वाली विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ताओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता, जो संगठनात्मक विकास को अवरुद्ध करता है। यही कारण था कि शिवसेना (यूबीटी) ने निर्णय लिया है कि पार्टी स्थानीय निकायों, नगर निगमों, जिला परिषदों और पंचायतों के चुनाव में अपनी ताकत पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बताया कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी को एकमात्र चुनावी विकल्प के रूप में अकेले चुनाव लड़ने का सुझाव दिया था।
वह इस बात से भी नाराज थे कि इंडी गठबंधन के तहत कभी एक भी बैठक नहीं हुई थी, और इसके कारण गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल उठते हैं। राउत ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव के बाद से इंडी गठबंधन की कोई भी बैठक नहीं हुई है, और न ही किसी संयोजक का चयन किया गया। यह बहुत ही गंभीर मामला है, क्योंकि गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस की जिम्मेदारी थी कि वे गठबंधन की बैठकों का आयोजन करें और इसके अस्तित्व को बनाए रखें।”
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी पहली पॉडकास्ट में किए गए इस बयान पर कि वे भी इंसान हैं और गलतियां कर सकते हैं, राउत ने कहा, “अगर कोई प्रधानमंत्री मोदी को भगवान का अवतार मानता है, तो यह असंगत है कि वे खुद को इंसान कहें। प्रधानमंत्री मोदी विष्णु के 13वें अवतार के रूप में माने जाते हैं, इसलिए ऐसा कहना खुद में एक विसंगति है।”
इस प्रकार, राउत ने न सिर्फ कांग्रेस से सवाल उठाए बल्कि प्रधानमंत्री मोदी पर भी कटाक्ष किया, जो देश की राजनीतिक सटीकता और गठबंधन की स्थिति पर नया विवाद पैदा करता है।