“शेख हसीना की चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया, बांग्लादेश सरकार से रिहाई की मांग”

नई दिल्ली:  बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हसीना ने इस गिरफ्तारी को गलत और अन्यायपूर्ण बताया और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से पुजारी को तुरंत रिहा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी हिंदू समुदाय के एक प्रतिष्ठित पुजारी के खिलाफ की गई है और इसे बिना किसी कारण के लिया गया कदम बताया। उनके अनुसार, इस घटना ने बांग्लादेश में धार्मिक सहिष्णुता और मानवाधिकारों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें लोग सड़कों पर उतर आए और उनकी रिहाई की मांग की। इस गिरफ्तारी के खिलाफ न केवल बांग्लादेश, बल्कि भारत में भी कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और बांग्लादेश सरकार से इस मामले को गंभीरता से उठाने का आग्रह किया। चिन्मय दास, जो पहले इस्कॉन ट्रस्ट के सचिव रहे थे, को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, जिससे हिंदू संगठनों और समुदायों में असंतोष बढ़ गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस संदर्भ में बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों की कड़ी निंदा की। उन्होंने चटगांव में एक वकील की हत्या का जिक्र करते हुए इसे आतंकवादी हमला बताया और आरोपियों को सजा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। हसीना ने कहा कि जो लोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में शामिल हैं, उन्हें तुरंत न्याय का सामना करना चाहिए।

इसके साथ ही, शेख हसीना ने बांग्लादेश सरकार को भी चेतावनी दी और कहा कि यदि सरकार दोषियों को सजा देने में असफल रहती है, तो उसे भी मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की भी निंदा की, खासकर चटगांव में एक मंदिर को जलाए जाने की घटना का उल्लेख करते हुए यह कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हसीना ने कहा कि जो लोग सत्ता में हैं, वे न केवल बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में नाकाम हो रहे हैं, बल्कि वे आम लोगों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा में भी असफल हो रहे हैं। उन्होंने इन अत्याचारों की कड़ी निंदा की और देश की जनता से अपील की कि वे आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।

इस बयान के जरिए शेख हसीना ने बांग्लादेश सरकार से सख्त कदम उठाने और धार्मिक असहमति और हिंसा को खत्म करने की अपील की है, ताकि देश में शांति और सौहार्द बना रहे।