पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस का तीखा बयान: सरकार की विफलता पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में घटित दुष्कर्म-हत्या के मामले को लेकर एक महत्वपूर्ण और तीखा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की विफलता पर सवाल उठाए हैं। राज्यपाल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार नागरिकों की सुरक्षा और संपत्ति की रक्षा करने में असफल रही है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही है, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गई है।

राज्यपाल बोस ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस जघन्य घटना के बाद उत्पन्न गतिरोध और तनाव को देखते हुए राजभवन ने संवैधानिक अधिकारों के तहत हस्तक्षेप किया है। उन्होंने इस घटना को न केवल एक आपराधिक कृत्य बताया, बल्कि इसे व्यापक संस्थागत विफलता के प्रतीक के रूप में भी देखा है। उन्होंने कहा कि पुलिस और स्वास्थ्य क्षेत्र में व्याप्त संस्थागत अपराध की ओर यह घटना स्पष्ट इशारा करती है, क्योंकि इस मामले में एक पुलिस अधिकारी और एक वरिष्ठ डॉक्टर की गिरफ्तारी ने पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राज्यपाल की नाराजगी इस बात पर भी है कि इस गंभीर घटना के बावजूद राज्य सरकार ने ठोस कार्रवाई नहीं की और स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है, लेकिन यहां सरकार इस जिम्मेदारी को निभाने में असफल रही है।

इस मामले पर राज्यपाल का यह बयान पश्चिम बंगाल की राजनीति और कानून व्यवस्था पर गहरी चिंताओं को दर्शाता है। राज्यपाल का यह बयान राज्य सरकार और राजभवन के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि संवैधानिक रूप से राज्यपाल का सीधे हस्तक्षेप करना एक गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहे इस विवाद और राज्यपाल की सख्त टिप्पणी से अब यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है, जिससे राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक गतिरोध की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस के इस बयान ने न केवल आरजी कर केस को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, बल्कि राज्य में कानून और प्रशासनिक तंत्र की खामियों पर भी प्रकाश डाला है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और कैसे इस संवेदनशील मामले को हल करती है।