Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के तृतीय दिन मां चंद्रघंटा की आराधना, इस मंत्र का जाप करने से होगी प्रसन्न
शारदीय नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन भक्त मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप, मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करेंगे। माता चंद्रघंटा को उनके विशेष प्रतीकात्मक स्वरूप के लिए जाना जाता है—उनके माथे पर अर्धचंद्र और हाथ में घंटा है। चंद्रमा शांति का प्रतीक है, जबकि घंटा शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवासुर संग्राम के दौरान देवी के घंटे की ध्वनि से कई असुरों का नाश हुआ था। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ध्वनि में अपार शक्ति होती है, जिसे “नाद” के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों में नाद का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि इसे ध्यान और आराधना में शक्ति और शांति दोनों का स्रोत माना जाता है।