शंकर महादेवन ने जाकिर हुसैन को किया याद, बताया अपना गुरु और प्रेरणास्त्रोत
बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक और संगीतकार शंकर महादेवन ने मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन को उनकी 74वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शंकर महादेवन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जाकिर हुसैन के साथ एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए उन्हें न केवल अपना मार्गदर्शक और संरक्षक बताया, बल्कि अपने संगीत सफर का एक अभिन्न हिस्सा भी करार दिया। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने अपनी गहरी भावनाओं को व्यक्त किया और जाकिर हुसैन के योगदान को संजोते हुए लिखा, “मेरे सबसे प्रिय गुरु और प्रेरणास्त्रोत को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। आप हमेशा हमारे साथ हैं, हर समय, हर जगह। संगीत के हर सुर में आपकी मौजूदगी महसूस होती है। लव यू जाकिर भाई।”
गौरतलब है कि तबला वादक जाकिर हुसैन का पिछले वर्ष 15 दिसंबर को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में फेफड़ों की बीमारी के कारण 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। उनके परिवार ने इस खबर की पुष्टि की थी, जिससे पूरी संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी। जाकिर हुसैन को विश्व के सबसे महान तबला वादकों में से एक माना जाता था और उन्होंने अपने छह दशक लंबे करियर में भारतीय शास्त्रीय संगीत को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया।
जाकिर हुसैन को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। इसके अलावा, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने करियर में कुल चार ग्रैमी पुरस्कार जीते। इनमें से पहला ग्रैमी अवॉर्ड उन्होंने 2009 में जीता था, जबकि 2024 के 66वें ग्रैमी अवॉर्ड्स में उन्होंने तीन अलग-अलग एल्बमों के लिए तीन ग्रैमी अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे, जिससे भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली।
शंकर महादेवन, जो कि भारतीय संगीत जगत का एक बड़ा नाम हैं, उन्होंने भी बॉलीवुड में कई हिट संगीत दिए हैं। ‘दिल चाहता है’, ‘कल हो ना हो’, ‘तारे ज़मीन पर’ और ‘मितवा’ जैसे सदाबहार गीतों से उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाई है। वे एक बहुमुखी गायक और संगीतकार हैं, जो न केवल बॉलीवुड बल्कि शास्त्रीय संगीत, इंडिपॉप और फ्यूजन म्यूजिक में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं।
शंकर महादेवन और जाकिर हुसैन के बीच का रिश्ता केवल एक संगीतकार और तबला वादक का नहीं था, बल्कि एक गुरु-शिष्य और गहरी मित्रता का भी था। जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में जो योगदान दिया है, वह आने वाली कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। शंकर महादेवन का यह भावनात्मक पोस्ट इस बात को दर्शाता है कि जाकिर हुसैन न केवल एक महान कलाकार थे बल्कि वे संगीत जगत के लिए एक अमूल्य धरोहर भी थे, जिनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।