“सुप्रीम कोर्ट में एक साथ कई बड़े मामले, आसाराम बापू की अंतरिम जमानत और निठारी हत्याकांड पर फैसले की सुनवाई”
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कुछ महत्वपूर्ण मामलों में अपनी सुनवाई की जानकारी दी, जिसमें 2013 के दुष्कर्म मामले में बाबा आसाराम बापू की अंतरिम जमानत, 1984 के सिख विरोधी दंगे, दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव अश्विनी कुमार की नियुक्ति, और निठारी हत्याकांड में सुनवाई के संबंध में फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट ने बाबा आसाराम बापू को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी है, जिसमें यह शर्त भी रखी गई कि वह रिहाई के बाद कोई सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और अपने अनुयायियों से नहीं मिलेंगे। यह आदेश एक ऐसे समय पर आया है, जब आसाराम की सजा को लेकर अंतिम सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय पर अंतिम सुनवाई नहीं हो पाती है, तो याचिकाकर्ता अदालत से सजा के निलंबन का अनुरोध कर सकते हैं।
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार और पूर्व पार्षद बलवान खोखर की याचिकाओं पर जुलाई में सुनवाई करने का निर्णय लिया है, जो 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनकी सजा के खिलाफ दायर की गई थीं। अदालत ने सभी संबंधित पक्षों से ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड मांगे हैं ताकि मामले की विवेचना की जा सके।
दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह) अश्विनी कुमार की दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक के रूप में नियुक्ति को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया है और याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई की तारीख तय की है। इस मामले में अदालत ने 25 मार्च 2024 को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह मामला यूपी के निठारी में हुई वीभत्स हत्याओं से जुड़ा है और इसमें कोली के खिलाफ पुलिस हिरासत में दिए गए इकबालिया बयान को प्रमुख साक्ष्य बताया जा रहा है।
यह सुनवाई कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर हो रही है और इसके निर्णय देश की न्यायिक प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।