“मधुमक्खियों के हमले से मध्य प्रदेश में सिंधिया का उद्घाटन समारोह स्थगित, सुरक्षा कर्मियों ने बचाई जान”
शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में शनिवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब मधुमक्खियों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। सिंधिया चांदपाठा क्षेत्र में स्थित रामसर साइट पर जलकुंभी हटाने के लिए लाई गई ड्रेजिंग मशीन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यह ड्रेजिंग मशीन लगभग एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से खरीदी गई थी, और इसके उद्घाटन को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
कार्यक्रम के दौरान सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग मंच के पास इकट्ठा थे, और वहाँ संगीत का आयोजन भी हो रहा था। अचानक, जैसे ही सिंधिया ड्रेजिंग मशीन के उद्घाटन के लिए मंच पर पहुंचे, मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। कुछ मधुमक्खियां मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ भी बढ़ीं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उन्हें घेर लिया और उन्हें सुरक्षित रूप से वहां से बाहर निकाल लिया।
बताया जा रहा है कि घटना के समय मंच पर ड्रोन कैमरे से फिल्मांकन किया जा रहा था, जिसकी आवाज और हवा के कारण मधुमक्खियां अपने छत्ते से बाहर आ गईं। हालांकि, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि पूजा के दौरान अगरबत्ती जलाए जाने से उठे धुएं ने मधुमक्खियों को उत्तेजित कर दिया, जिससे उन्होंने हमला किया। फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि मधुमक्खियों के हमले की असल वजह क्या थी, लेकिन इस अप्रत्याशित घटना के कारण कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई और उद्घाटन स्थगित करना पड़ा।
घटना के बाद कुछ पत्रकार, पुलिसकर्मी और सुरक्षा कर्मी घायल हो गए, हालांकि किसी को गंभीर चोटें नहीं आईं। सुरक्षाकर्मियों की त्वरित प्रतिक्रिया ने केंद्रीय मंत्री को इस खतरे से बचाया और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस घटना के कारण उद्घाटन समारोह को रोकना पड़ा, और यह कदम उठाया गया ताकि वहां मौजूद लोगों को किसी प्रकार की और कोई हानि न हो।
मधुमक्खियों के हमले ने कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा कर दी, और इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी अप्रत्याशित घटनाएं किसी भी योजना को प्रभावित कर सकती हैं। इस घटना के बाद से सुरक्षा और आयोजन में और सावधानी बरतने की आवश्यकता की बात की जा रही है। वहीं, अब यह देखना होगा कि जब कार्यक्रम पुनः आयोजित होगा, तो मधुमक्खियों के हमले जैसी घटनाओं से बचने के लिए क्या अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे।
इस घटना से पहले, यह कार्यक्रम जलकुंभी की समस्या से निजात पाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था, क्योंकि मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में चांदपाठा झील में जलकुंभी की समस्या लंबे समय से मौजूद थी। अब जब यह कार्यक्रम स्थगित हुआ, तो यह चिंता बढ़ रही है कि इस महत्वपूर्ण कार्य में और देरी न हो।
