“आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म और हत्या मामले में संजय रॉय को सजा: उम्रकैद या फांसी? आज 2.45 बजे होगा अंतिम फैसला”

कोलकाता:  कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक दुखद और जघन्य घटना घटी, जब एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई। इस मामले में संजय रॉय को अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया है। शनिवार को सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने इसे लेकर फैसला सुनाया। यह मामला पूरे देश में आक्रोश और शोक का कारण बना और कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन होते रहे।

इस हत्याकांड को लेकर अदालत में दोपहर 2.45 बजे सजा का फैसला सुनाया जाने की घोषणा की गई थी। कोर्ट में जब संजय रॉय से सजा पर अपनी राय देने को कहा गया, तो उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे इस अपराध में फंसाया जा रहा है। हालांकि, सीबीआई ने इस अपराध को अत्यंत गंभीर और घृणित मानते हुए, सजा के रूप में कड़ी से कड़ी सजा की मांग की। पीड़िता के माता-पिता ने भी दोषी को मृत्युदंड की सजा दिए जाने की उम्मीद जताई है।

इस मामले में न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धाराओं 64, 66 और 103(1) के तहत संजय रॉय को दोषी ठहराया है। इनमें से धारा 64 के तहत कम से कम दस साल की सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 66 और धारा 103(1) के तहत आजीवन कारावास या मृत्यु दंड दोनों हो सकते हैं। संजय रॉय को 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था, जब आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक का शव मिला था।

इस मामले में कानून व्यवस्था को लेकर पूरे देश में गुस्से और आक्रोश का माहौल था, और सजा सुनाए जाने का परिणाम व्यापक रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है। सीबीआई ने इस जघन्य अपराध को राजनीतिक और सामाजिक विश्वास को दांव पर लगाने वाला मानते हुए आरोपित के खिलाफ कड़ी सजा की गुजारिश की है।