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संजय चौबे ने कहा-आईआईओटी और ओईई का सहारा लेना आवशयक, नहीं तो प्रतिस्पर्धा के दौर में काफी पिछड़ जाएंगे उद्यमी

रायपुर। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (उद्योग चैम्बर) के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष संजय चौबे ने प्रेस नोट जारी किया है। उन्होंने कहा है कि IIOT– इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स, OEE का उपयोग कर उद्यमियों ने अपने उत्पादन में उपलब्ध संसाधन का उपयोग करते हुए अपने उत्पादन में वृद्धिगत दर बढ़ाई है। छत्तीसगढ़ राज्य का अगर हम उदाहरण लें तो तेजी से उन्नत उद्यमियों की ओर से IIOT – इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स, OEE का उपयोग कर उधोग से अधिक लाभ लेना शुरू कर दिया गया है।

संजय चौबे ने बताया कि उद्यमियों को अगर अपने उतने ही कर्मचारी, उतनी ही बिजली, उतने ही संशाधनों से अपने उत्पादों का निर्माण करते हुए अपने लाभ को बढ़ाना है तो उद्यमियों को नई तकनीक जैसे IIOT – इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स , OEE (आपरेशनल इक्विपमेंट एफेसिंसी) का सहारा लेना आवशयक होगा, नहीं तो इस प्रतिस्पर्धा के दौर में वे काफी पिछड़ जाएंगे। उद्योग के क्षेत्र में भारत का IIOT – इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग 2026 तक लगभग 190 करोड़ हो जाएगा। पूर्वानुमान अवधि के दौरान भारत के विनिर्माण बाजार में IIOT – इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स में सबसे बड़ा बाजार आकार रखने की उम्मीद है। इसकी स्थायी और अच्छी तरह से स्थापित अर्थव्यवस्थाएं हैं, जो उन्हें अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में दृढ़ता से निवेश करने, नई प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाती हैं।

भारत में मैन्युफच्चरिंग कंपनियों की ओर से अत्यधिक कुशल कर्मचारियों की कमी होने के कारण से उधमियों को अपने उत्पादन की मोनिटरिंग, एनेर्जी की मोनिटरिंग, प्रोडक्शन की जानकारी मोबाइल में प्राप्त करने के लिए उन्नत तकनीकों को अपना कर अपने लाभ को बढाने के लिए IIOT – इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स का उपयोग करना आज के इस कॉम्पिटीशन के इस दौर में अतिआवश्यक है!

IIOT – इंडस्ट्रियल इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स के उपयोग से प्रबंधन संचालन को सुव्यवस्थित करता है, लागत कम करता है और उत्पादकता बढ़ाता है। फ़ैक्टरी वातावरण में गैर-स्थिर संपत्तियों को ट्रैक करके, संगठन स्वचालित रूप से उपलब्ध संपत्तियों के शीर्ष पर रहते हैं। यह जानना कि परिसंपत्तियां कहां स्थित हैं और वे किस स्थिति में हैं, डाउनटाइम को कम करने, उत्पादकता को अनुकूलित करने और संसाधनों के रखरखाव और इन्वेंट्री लागत को नियंत्रित करने में मदद करती है। अधिकांश उधमियों को जिनकी मूल्यवान संपत्ति एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में बटी हुई रहती है , उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ता है जो उनकी परिचालन क्षमता, उत्पादकता, लागत, स्टाफिंग और अंततः आर्थिक रूप से उधमी को प्रभावित करती हैं। चौबे ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में सर्विस सेगमेंट को IIOT को एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से बिजनेस ऑपरेशंस में सुधार लाने और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के अनावश्यक खर्चों और ओवरहेड्स को कम कर लाभ बढ़ाने हेतु अत्यंत फायदेमंद होता है !

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