जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों को 75,000 करोड़ रुपये जारी किए गए

पूरे साल के लिए लगभग 50 प्रतिशत कमी का एक ही किस्त में भुगतान किया गया

नई दिल्ली :- वित्त मंत्रालय ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के बदले में दी गई बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों को आज 75,000 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है। यह वास्तविक उपकर संग्रह में से हर 2 महीने में जारी की जा रही सामान्य जीएसटी क्षतिपूर्ति के अतिरिक्त धनराशि है।

28 मई 2021 को हुई 43वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद, यह फैसला लिया गया था कि केन्द्र सरकार 1.59 लाख करोड़ रुपये का ऋण लेगी और क्षतिपूर्ति कोष में अपर्याप्त धनराशि के मद्देनजर कम जारी की गई क्षतिपूर्ति के कारण संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए बैक-टू-बैक आधार पर राज्यों और विधानसभा वाले केन्द्र शासित प्रदेशों को जारी करेगी। यह धनराशि वित्त वर्ष 2020-21 में इसी तरह की सुविधा के लिए अपनाए गए सिद्धांतों के अनुसार है, जहां ऐसी ही व्यवस्था के तहत राज्यों को 1.10 लाख करोड़ रुपये जारी किए गए थे।

 1.59 लाख करोड़ रुपये कीयह धनराशि 1 लाख करोड़ रुपये (उपकर संग्रह के आधार पर) से ज्यादा की क्षतिपूर्ति के अतिरिक्त होगी, जो इस वित्त वर्ष के दौरान विधानसभा वाले राज्यों/ यूटी को जारी किए जाने का अनुमान है।

कुल 2.59 लाख करोड़ रुपये की धनराशि वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि से ज्यादा होने का अनुमान है।

सभी पात्र राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (विधानसभा वाले) ने बैक-टू-बैकऋण सुविधा के तहत क्षतिपूर्ति की कमी की भरपाई की व्यवस्था पर सहमति दी है। कोविड-19 महामारी पर प्रभावी प्रतिक्रिया और प्रबंधन व पूंजी व्यय के लिए सभी राज्यों को बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को उनके प्रयास में सहायता के लिए, वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैक-टू-बैक ऋण सुविधा के तहत सहायता जारी करने में अग्रणी रहते हुए आज एक किस्त में 75,000 करोड़ रुपये (पूरे साल के दौरान कुल कमी का लगभग 50 प्रतिशत)जारी कर दिए हैं। शेष धनराशि 2021-22 की दूसरी छमाही में नियमित रूप से किस्तों में जारी कर दी जाएगी।

75,000 करोड़ रुपये की धनराशि का भारत सरकार द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष में जारी 5-साल की प्रतिभूतियों से कुल 68,500 करोड़ रुपये और 2 साल की प्रतिभूतियों से 6,500 करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया जा रहा है, जो क्रमशः 5.60 प्रतिशत और 4.25 प्रतिशत भारित औसत आय वाली हैं।

यह अनुमान है कि इस धनराशि से राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को अन्य कामों के अलावा स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में अपने सार्वजनिक व्यय की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

15 जुलाई 2021 को जीएसटी क्षतिपूर्ति कमी के बदले में बैक टू बैक ऋण के रूप में राज्यकेन्द्र शासित प्रदेश वार जारी की गई धनराशि

(करोड़ रुपये में)

क्र. सं. राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश का नाम जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान
5 वर्ष की अवधि 2 वर्ष की अवधि कुल
1. आंध्र प्रदेश 1409.67 133.76 1543.43
2. असम 764.29 72.52 836.81
3. बिहार 2936.53 278.65 3215.18
4. छत्तीसगढ़ 2139.06 202.98 2342.04
5. गोवा 364.91 34.63 399.54
6. गुजरात 5618.00 533.10 6151.10
7. हरियाणा 3185.55 302.28 3487.83
8. हिमाचल प्रदेश 1161.08 110.18 1271.26
9. झारखंड 1070.18 101.55 1171.73
10. कर्नाटक 7801.86 740.31 8542.17
11. केरल 3765.01 357.26 4122.27
12. मध्य प्रदेश 3020.54 286.62 3307.16
13. महाराष्ट्र 5937.68 563.43 6501.11
14. मेघालय 60.75 5.76 66.51
15. ओडिशा 2770.23 262.87 3033.10
16. पंजाब 5226.81 495.97 5722.78
17. राजस्थान 3131.26 297.13 3428.39
18. तमिलनाडु 3487.56 330.94 3818.50
19. तेलंगाना 1968.46 186.79 2155.25
20. त्रिपुरा 172.76 16.39 189.15
21. उत्तर प्रदेश 3506.94 332.78 3839.72
22. उत्तराखंड 1435.95 136.26 1572.21
23. पश्चिम बंगाल 2768.07 262.66 3030.73
24. दिल्ली 2668.12 253.18 2921.30
25. जम्मू व कश्मीर 1656.54 157.19 1813.73
26. पुडुचेरी 472.19 44.81 517.00
  कुल: 68500.00 6500.00 75000.00