मैच की पृष्ठभूमि और रोहित का फॉर्म
रोहित शर्मा, जो इस सीजन में अपने रेड-बॉल प्रदर्शन को लेकर आलोचनाओं के घेरे में हैं, रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए खेले। पिछले हफ्ते चैंपियंस ट्रॉफी टीम में चयन की पुष्टि के बाद, उनकी यह पारी उनके आगामी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों से पहले का एक महत्वपूर्ण पड़ाव मानी जा रही थी। हालांकि, 2024-25 के टेस्ट सीजन में उनकी खराब फॉर्म ने चिंता बढ़ा दी है। इस सीजन में 15 पारियों में उनके बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला है, और उनका औसत महज 10.93 रहा है।
ओपनिंग साझेदारी का विफल प्रयास
मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और रोहित शर्मा को यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग करने भेजा। हालांकि, दोनों ही सलामी बल्लेबाज पिच और परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाए। मैच की शुरुआत से पहले रोहित आत्मविश्वास से भरे दिखाई दिए, लेकिन मैदान पर उनका प्रदर्शन विपरीत रहा। जम्मू और कश्मीर के तेज गेंदबाज उमर नजीर मीर ने रोहित को अनुशासित गेंदबाजी से लगातार परेशान किया।
रोहित मीर की एक लेंथ गेंद पर लीडिंग एज लगाकर आउट हो गए। उनकी पारी का अंत ऑफ स्टंप के बाहर मूवमेंट वाली गेंद पर हुआ, जिसे एक्स्ट्रा कवर पर पारस डोगरा ने शानदार तरीके से पकड़ा। यह रोहित के रेड-बॉल क्रिकेट में चल रहे संघर्ष को दर्शाता है।
यशस्वी जायसवाल भी सुबह की नमी का सामना नहीं कर सके। औकीब नबी ने उन्हें चार रन पर एलबीडब्लू आउट किया। नबी की तेज इनस्विंगर गेंद जायसवाल के पैड पर लगी और अंपायर ने तुरंत आउट दे दिया।
मुंबई की चुनौतियाँ और शुरुआती मुश्किलें
मुंबई ने अपनी टीम में बड़ा बदलाव करते हुए शानदार फॉर्म में चल रहे आयुष म्हात्रे को बाहर रखा, जिन्होंने अपने डेब्यू सीजन में 45.33 के औसत से 408 रन बनाए थे। इस बदलाव का उद्देश्य रोहित और जायसवाल के लिए जगह बनाना था। हालांकि, यह दांव शुरुआती चरण में उल्टा पड़ गया।
सुबह के समय पिच पर नमी और गेंदबाजों की अनुशासित लाइन-लेंथ ने मुंबई के शीर्ष क्रम को प्रभावित किया। जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों ने हरकत और सीम का पूरा फायदा उठाया, जिससे मुंबई के बल्लेबाज लय में नहीं आ सके।
रोहित के लिए भविष्य की चुनौतियाँ
रोहित शर्मा की यह पारी उनकी वर्तमान फॉर्म पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। जहां रेड-बॉल क्रिकेट में उनका औसत गिरता जा रहा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कप्तान के तौर पर उनकी भूमिका से उम्मीदें लगातार बढ़ रही हैं। रणजी ट्रॉफी में यह विफलता उनके आगामी चैंपियंस ट्रॉफी अभियान के लिए एक बड़ा संकेत है कि उन्हें अपनी बल्लेबाजी में स्थिरता लाने की जरूरत है।