रोहित शर्मा: एमसीजी पर खराब प्रदर्शन के बाद कप्तानी और फॉर्म पर उठ रहे सवाल

 मेलबर्न:  मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर चल रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का प्रदर्शन फिर से निराशाजनक रहा। ओपनिंग करने उतरे रोहित महज तीन रन बनाकर पैट कमिंस की गेंद पर बोलैंड को कैच थमा बैठे। यह पिछले आठ टेस्ट मैचों की 14 पारियों में उनकी खराब फॉर्म का ताजा उदाहरण है, जहां उन्होंने केवल 155 रन बनाए हैं, वह भी 11.07 की औसत से। इस फॉर्म ने भारतीय क्रिकेट में गंभीर बहस को जन्म दिया है, जहां प्रशंसकों, पूर्व खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं के बीच उनकी बल्लेबाजी और कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं।

रोहित की लगातार असफलता और प्रशंसकों की प्रतिक्रिया

रोहित की इस खराब फॉर्म ने सोशल मीडिया पर प्रशंसकों को खासा निराश किया है। कुछ प्रशंसकों ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट से जल्द संन्यास लेने की सलाह तक दे डाली है। ओपनिंग में उनके अस्थिर प्रदर्शन और यशस्वी जायसवाल के साथ नई जोड़ी आजमाने से टीम की स्थिरता पर भी असर पड़ा है।

सुनील गावस्कर की टिप्पणी

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने रोहित के प्रदर्शन पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर वह आने वाली तीन पारियों—मेलबर्न की दूसरी पारी और सिडनी टेस्ट की दोनों पारियों—में रन नहीं बना पाते, तो उनके टेस्ट करियर पर सवाल खड़े हो सकते हैं। गावस्कर ने कहा, “टीम अभी बदलाव के दौर में है, और ऐसे में एक मजबूत कप्तान की जरूरत है जो अपनी फॉर्म से टीम का मनोबल बढ़ाए।”

फॉर्म में चल रहे विकल्पों का सवाल

राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष अजित अगरकर की मेलबर्न में उपस्थिति ने अटकलों को हवा दी है कि रोहित के भविष्य पर चर्चा की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में क्वालिफाई नहीं कर पाता, तो सिडनी टेस्ट रोहित के करियर का आखिरी टेस्ट हो सकता है।

इस संदर्भ में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या रोहित सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर रखकर फॉर्म में चल रहे केएल राहुल को यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग का मौका देंगे? आईपीएल के दौरान गौतम गंभीर द्वारा टीम के हित में खुद को बाहर रखने के उदाहरण का जिक्र भी इस बहस में किया जा रहा है।

वनडे फॉर्म में रोहित की स्थिति

रोहित की खराब फॉर्म वनडे क्रिकेट में उनके प्रभाव को नहीं दर्शाती। सात सप्ताह बाद वनडे चैंपियंस ट्रॉफी आयोजित होने वाली है, और इस फॉर्मेट में रोहित का कोई सानी नहीं। हालांकि, अगर टेस्ट क्रिकेट से उनकी जिम्मेदारी हटाई जाती है, तो उनका मनोबल बढ़ सकता है और वह वनडे में अपनी पूरी क्षमता के साथ खेल सकते हैं।

विराट कोहली से तुलना

रोहित की तुलना विराट कोहली से भी हो रही है, जो खुद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। अंतर यह है कि कोहली क्रीज पर ज्यादा आत्मविश्वासी दिखते हैं और उन्होंने पर्थ में शतक जड़कर अपनी काबिलियत का परिचय दिया है। कोहली के प्रदर्शन से उनके फॉर्म में वापसी का विश्वास मिलता है, जबकि रोहित को लेकर ऐसी उम्मीद कम दिख रही है।

भारतीय क्रिकेट के लिए आगे का रास्ता

रोहित शर्मा के कप्तानी और बल्लेबाजी के भविष्य पर स्पष्टता जल्द आने की उम्मीद है। टीम प्रबंधन और चयन समिति को उनके प्रदर्शन के साथ-साथ टीम के दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना होगा। फिलहाल, भारतीय टीम के प्रशंसक रोहित से सिडनी टेस्ट में एक बड़ी पारी की उम्मीद कर रहे हैं, जो उनके टेस्ट करियर को सही दिशा में मोड़ सकती है।