रायपुर। रोहिणी व्रत जैन समुदाय के लिए महत्वपूर्ण दिनों में से एक है, क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। रोहिणी नक्षत्र के दिन मनाने के कारण इसे रोहिणी व्रत कहा जाता है। यह व्रत महिला और पुरुष दोनों के द्वारा किया जाता है। हालांकि, महिलाओं के लिए रोहिणी व्रत अनिवार्य है। सालभर में 12 रोहिणी व्रत किए जाते है। रोहिणी व्रत का पारण रोहिणी नक्षत्र समाप्त होने और मार्गशीर्ष नक्षत्र शुरू होने पर किया जाता है।माना जाता है कि रोहिणी व्रत का पालन लगातार 3, 5 या 7 सालों में पूरा किया जाता है। रोहिणी व्रत की उचित अवधि 5 साल 5 माह की है। अवधि पूरे होने पर व्रत का समापन उद्यापन द्वारा किया जाता है।