कोरबा में पुनर्वास मुद्दों पर समीक्षा बैठक: उप मुख्यमंत्री ने दिए त्वरित समाधान के निर्देश

छत्तीसगढ़:  कोरबा जिला मुख्यालय में बुधवार को उप मुख्यमंत्री और कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव की अध्यक्षता में जिला पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन समिति की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक का उद्देश्य जिले में विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा अर्जित भूमि के लंबित मुआवजे, पुनर्वास, और रोजगार संबंधी मुद्दों की गहन समीक्षा करना था। बैठक में जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न संयंत्रों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

उप मुख्यमंत्री साव ने कोरबा कलेक्टोरेट में आयोजित इस बैठक में विशेष रूप से उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जो लंबे समय से लंबित हैं और भू-विस्थापितों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं। उन्होंने सभी संयंत्रों के प्रबंधन को निर्देशित किया कि वे भू-विस्थापित परिवारों की पुनर्वास और रोजगार से जुड़ी समस्याओं का जल्द समाधान निकालें। उन्होंने कहा कि संयंत्र प्रबंधन को प्रभावी कार्यप्रणाली तैयार करनी चाहिए, ताकि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके और स्थानीय लोगों के बीच असंतोष या कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न न हो।

बैठक में एसईसीएल (गेवरा, कुसमुंडा, दीपका, और कोरबा), एनटीपीसी, बाल्को, लैंको और अडानी प्लांट्स के प्रबंधन के साथ विस्तृत चर्चा की गई। साव ने इन संयंत्रों द्वारा अर्जित भूमि के बदले प्रभावित परिवारों को दी जा रही नौकरियों और मुआवजे की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने संयंत्र प्रबंधनों को समय पर और नियमानुसार रोजगार, भत्ता, और अन्य लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने पुनर्वास के तहत स्थापित बसाहटों में बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य केंद्र, सड़कों, पेयजल, और आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण और मरम्मत की जरूरतों पर भी जोर दिया।

विशेष रूप से, खदान क्षेत्रों में ब्लास्टिंग से प्रभावित बसाहटों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने निर्देश दिया कि ग्रीन जोन का निर्माण किया जाए ताकि ब्लास्टिंग के प्रभाव को कम किया जा सके। उन्होंने जोर दिया कि संयंत्र प्रबंधनों को स्थानीय समुदायों से संवाद स्थापित करके उन्हें नियमानुसार मुआवजा, रोजगार, और अन्य लाभ प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में सूचित करना चाहिए, ताकि लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जा सके।

इस बैठक में कलेक्टर अजीत वसंत, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, डीएफओ अरविंद पीएम, नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई, और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा, खनन प्रभावित क्षेत्रों के सरपंच और जनप्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया, जिनके सुझावों को बैठक के दौरान सुना गया और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

इस बैठक से यह स्पष्ट हुआ कि राज्य सरकार भू-विस्थापितों के पुनर्वास और रोजगार को लेकर गंभीर है और सभी संयंत्रों को निर्देशित किया गया है कि वे लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण करें।