“जल जगार महा उत्सव में स्कूली बच्चों का संकल्प, युवाओं का नेतृत्व और जल संरक्षण पर महत्वपूर्ण चर्चा”
रायपुर : गंगरेल में चल रहे दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव में लोगों को जल से जोड़ने और सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। धमतरी शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित रविशंकर जलाशय के निकट, यह उत्सव विशेष रूप से समुदाय के हर वर्ग को शामिल करने की कोशिश का हिस्सा है।
इस महोत्सव के पहले दिन, गंगरेल रेस्ट हाउस के परिसर में एक जल सभा का आयोजन हुआ, जिसमें स्कूली बच्चों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय वहां पहुंचे, तो बच्चों ने ग्राम सभा का एक जीवंत प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बच्चों ने बताया कि उनके गांव में पेयजल और स्वच्छता समिति गठित की गई है, और जल वाहिनी दीदियों की नियुक्ति की गई है। ये महिलाएं जल और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी देती हैं।
बच्चों ने अपने गांव में गंदे पानी के उपचार के लिए चल रही कार्रवाइयों का भी जिक्र किया। साथ ही, फ्लोराइडयुक्त और आयरन अधिकता वाले हैंडपंपों को पहचानने के लिए रंग कोडिंग की गई है। ग्राम सभा की अध्यक्ष, बारहवीं कक्षा की छात्रा फाल्गुनी साहू, ने बताया कि उन्होंने नल मरम्मत, स्वच्छता गाड़ी की व्यवस्था, तालाब गहरीकरण, और वर्षा जल संचयन के लिए संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इन बच्चों की जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता की सराहना की।
महोत्सव के दूसरे दिन, छत्तीसगढ़ के कॉलेज के छात्रों ने जल सभा में अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाईं। छात्रों ने जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की और सदन में मानवीय सभ्यता में जल की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श किया। पचास महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने नेता, मुख्यमंत्री, मंत्री, और विधानसभा सचिव की भूमिकाएं निभाई।
सदन में जल संकट और भविष्य की दिशा पर विचार करते हुए सभी ने जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया। विपक्ष के सदस्यों के साथ गरमा-गरम बहस के बाद, जल संरक्षण के प्रति सबकी सहमति बनी। इस सफल जल सभा के माध्यम से भावी पीढ़ी को हरा-भरा वन, साफ पानी, और एक सुंदर भविष्य प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह महोत्सव न केवल जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी बन रहा है।
