“राम गोपाल वर्मा ने अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी को बताया अन्यायपूर्ण, की श्रीदेवी के मामले से तुलना”
फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने तेलुगु स्टार अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पर एक बार फिर अपने गुस्से का इज़हार किया है और इसे पूरी तरह से अन्यायपूर्ण बताया है। अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी 13 दिसंबर को हुई थी, जब एक दुखद भगदड़ के बाद एक महिला प्रशंसक की मौत हो गई। यह घटना हैदराबाद के संध्या थिएटर में घटी, जहां ‘पुष्पा 2: द रूल’ के प्रीमियर के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी। राम गोपाल वर्मा ने इस गिरफ्तारी को फिल्मी सितारों और उनकी अपार लोकप्रियता के खतरनाक परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत माना और इस पर जोर देते हुए कहा कि यह एक गलत दिशा में किया गया कदम है।
वर्मा ने अल्लू अर्जुन का बचाव करते हुए कहा कि किसी भी सुपरस्टार के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध होना कोई अपराध नहीं है, और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। फिल्म निर्माता ने इस मामले की तुलना दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की फिल्म ‘क्षण क्षणम’ के दौरान एक दुखद घटना से की, जब एक फिल्म शूटिंग के दौरान श्रीदेवी को देखने के लिए आए भारी भीड़ में तीन लोगों की मौत हो गई थी। राम गोपाल वर्मा ने सवाल किया कि क्या अब तेलंगाना पुलिस श्रीदेवी को गिरफ्तार करने के लिए स्वर्ग जाएगी?
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, “प्रत्येक स्टार को अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध करना चाहिए। क्या कोई भी सुपरस्टार अपनी अपार लोकप्रियता के परिणामों के लिए दोषी हो सकता है?” उनका यह बयान इस दिशा में था कि बिना किसी गलत intention के हुए हादसों के लिए एक सितारे को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी का कारण यह था कि उनके और थिएटर प्रबंधन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में सूचित नहीं किया था, जिसके चलते भारी भीड़ जमा हुई और भगदड़ का रूप लिया, जिसके कारण महिला प्रशंसक की मौत हो गई। हालांकि, अल्लू अर्जुन ने इस मामले में खुद को दोषी मानते हुए मृतक प्रशंसक के परिवार को 25 लाख रुपये देने का वादा किया था। इसके अलावा, उनके पिता अल्लू अरविंद ने घायल बच्चे से मिलकर उसकी स्थिति को लेकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इस पूरी घटना को लेकर वर्मा ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं का दोष किसी व्यक्ति की लोकप्रियता और प्रसिद्धि पर नहीं डाला जा सकता है, और ऐसे मामलों को अधिक संवेदनशीलता और समझदारी से देखा जाना चाहिए।
