रायपुर। जांजगीर जिले के पिपरीद गांव के बोरवेल में गिरे 10 वर्षीय राहुल साहू को बचाने संचालित रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी संसाधनों व हाईटेक तकनीक का बेहतर उपयोग किया गया। जांजगीर जिला प्रशासन की अगुवाई में 100 घंटे से भी अधिक चले देश के सबसे बड़े ऑपरेशन में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, लोक निर्माण, एसईसीएल, रेलवे सहित रायपुर नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की टीम ने कड़ी मेहनत की और राहुल को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई।
पिछले 10 जून को बोरवेल में राहुल की फंसे होने की सूचना मिलते ही रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम की टीम भी अलर्ट मोड पर थी। 11 जून को रायपुर से एक स्पेशल टीम पिपरीद रवाना की गई।इस 10 सदस्यीय टीम में ऐसे टीम लीडर और श्रमिकों को जिम्मेदारी दी गई,जो खनन कार्य में ख़ासे एक्सपर्ट थे। इस दिन ही एसडीडी, रॉक ब्रेकर जैसी हाईटेक मशीनें साइट से वापस बुलाकर इस टीम के साथ ही रवाना की गई थी। यह टीम न केवल पथरीली चट्टान को तोड़ने में आगे रही,बल्कि विषम परिस्थितियों में लगातार पांच दिनों तक काम करते हुए सुरंग तैयार कर मासूम राहुल को बाहर लाने में महत्वपूर्ण बड़ी भूमिका निभाई। यह वहीं दल था, जिसने छोटे सुरंग में घुसकर अपने जान की परवाह न करते हुए उल्टे लटककर राहुल को बाहर निकालने का कार्य किया। ऑपरेशन के कामयाबी के बाद भारतीय सेना और जांजगीर जिला प्रशासन ने इस पूरी टीम को शाबासी दी।