राहुल गांधी का बड़ा बयान: ‘गुजरात की जनता मजबूत विपक्ष चाहती है, भाजपा के साथ खड़े लोगों के लिए कांग्रेस में जगह नहीं’
अहमदाबाद : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आत्ममंथन की जरूरत पर जोर दिया और कांग्रेस संगठन की मौजूदा स्थिति पर गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब तक कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाने के लिए तैयार नहीं होते, तब तक जनता कांग्रेस को चुनावों में जीत नहीं दिलाएगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पहले अपनी भूमिका का सही तरह से निर्वहन करना होगा, तभी वे जनता से वोट मांगने की उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को आत्मविश्लेषण करने की सलाह दी और कहा कि जिम्मेदारी निभाए बिना पार्टी को जिताने की अपील करना सही नहीं होगा।
अहमदाबाद में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों में जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने संगठन में अनुशासन और ईमानदारी की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कई बब्बर शेर हैं, लेकिन पार्टी के भीतर दो गुट बन गए हैं एक जो जनता के साथ है, जनता के मुद्दों को उठाता है और कांग्रेस की विचारधारा को आत्मसात करता है, जबकि दूसरा गुट जनता से दूर हो गया है और भाजपा के प्रभाव में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक इन दोनों गुटों को अलग नहीं किया जाता, तब तक गुजरात की जनता कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकती। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत और जनता के अनुकूल बनाने के लिए सख्त फैसले लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए, चाहे इसके लिए 20-30 लोगों को पार्टी से बाहर ही क्यों न करना पड़े।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राज्य के नेतृत्व को स्वीकार करना होगा कि वे जनता को सही दिशा दिखाने में विफल रहे हैं। उन्होंने संगठन में अनुशासन की कमी और रणनीति के अभाव को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई। राहुल गांधी ने कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान महिला कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती से काम करना होगा और समाज के हर वर्ग युवाओं, किसानों, महिलाओं और छोटे व्यापारियों के मुद्दों को गंभीरता से उठाना होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का असली आधार जनता के विश्वास पर टिका है, और यदि पार्टी को दोबारा सत्ता में आना है, तो उसे जनता के हितों के लिए निस्वार्थ भाव से काम करना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जिसे जनता के साथ खड़े होकर ही मजबूत किया जा सकता है। राहुल के इन बयानों पर कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी और उनके नेतृत्व में पार्टी को नए सिरे से संगठित करने का संकल्प दोहराया। राहुल गांधी के इस आक्रामक रुख से साफ है कि कांग्रेस पार्टी अब गुजरात में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए गंभीर रणनीति बना रही है और आने वाले दिनों में संगठन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
