क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला रखने का आह्वान किया
क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक कल वाशिंगटन में हुई। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने बैठक में भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड को वैश्विक हित के प्रति समर्पित मंच बताया।
एक संयुक्त वक्तव्य में क्वाड नेताओं ने मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का आह्वान किया जो कि समावेशी और लचीला हो। इन नेताओं ने कहा कि समुद्र से जुड़े कानूनों के बारे में संयुक्त राष्ट्र की संधि का दक्षिण-चीन सागर में पालन किया जाना चाहिए।
क्वाड वैक्सीन पहल के बारे में चारों देशों ने कोविड रोधी टीकों की 12 लाख खुराकें दान करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने इस वर्ष अक्टूबर से कोविड रोधी टीकों का निर्यात बहाल करने के भारत के निर्णय का भी स्वागत किया।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए, संयुक्त वक्तव्य में वर्ष 2050 तक विश्व में शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कार्बन का उपयोग कम करने और लचीली स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना करने का आह्वान किया गया है।
आतंकवाद को गंभीरता से लेते हुए क्वाड देशों के नेताओं ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या उस पर हमला करने और आतंकवादियों को पनाह देने या उन्हें प्रशिक्षित करने अथवा उनका वित्त पोषण करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इन नेताओं ने तालिबान से कहा कि वह मानवाधिकारों के बारे में अपने वायदों पर कायम रहे।
क्वाड नेताओं ने उत्तर कोरिया को पूरी तरह परमाणु मुक्त बनाने का आह्वान किया।
नवाचार और उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए क्वाड नेताओं ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के मेधावी स्नातकों के लिए एक सौ अध्येतावृत्तियों की घोषणा की।