प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आंतकवाद को राजनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहे देशों को यह समझना होगा कि आतंकवाद खुद उनके लिए भी खतरा बन सकता है। आज संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा है और सबकी साझी विरासत है। मोदी ने चाणक्य का उल्लेख करते हुए संयुक्त राष्ट्र को सही समय पर सही निर्णय लेने की नसीहत दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी, आतंकवाद, जलवायु परितर्वन और अफगानिस्तान की हाल की स्थिति ने इस बात की आवश्यकता स्पष्ट कर दी है कि संयुक्त राष्ट्र को और भी अधिक जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ वर्ष से विश्व खतरनाक महामारी का सामना कर रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले 20 साल के दौरान गुजरात सहित देशवासियों की सेवा को याद करते हुए दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने कहा कि भारत आज सर्वसमावेशी, सर्वस्पर्शी, सर्वव्यापी विकास को प्राथमिकता दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल के वर्षों में इतने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिनके बारे में पहले कोई सोच भी नहीं सकता था।
मोदी ने इस संबंध में 17 करोड से अधिक लोगों तक नल के जरिए पीने का पानी पहुंचाने का जिक्र किया। मोदी ने कहा कि भारत के विकास से विश्व को भी गति मिलती है और भारत में सुधारों से दुनियाभर में सुधारों को बल मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा परमोधर्म: को जीने वाला भारत वैक्सीन उत्पादन के कार्य में जी-जान से जुटा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता के प्रति दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया भर में वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी है। मोदी ने विश्व की कंपनियों को भारत में वैक्सीन बनाने के कार्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी ने ज्यादा विविधीकृत विश्व की आवश्यकता का महत्व स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को विश्व का सबसे बडा ग्रीन और रिन्यूवेबल एनर्जी का केन्द्र बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।