प्रदीप और जसवंत के सपनों की उड़ान, नि:शुल्क कोचिंग से मिली जेईई मेन्स और एडवांस परीक्षा में सफलता
बिलासपुर 21 अक्टूबर 2020/ सुदूर वनांचल नक्सल प्रभावित गाँवों के बेटों जसवंत और प्रदीप के सपनों की उड़ान पूरी हो गई है।
उनके सपनों को छत्तीसगढ़ सरकार की योजना से पंख मिले थे और उड़ान का हौसला भी। गरीब किसान के ये बेटे अब देष के प्रतिष्ठित आईआईटी और एनआईटी में पढ़ाई करेंगे।
अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र जसवंत बांधे और अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र प्रदीप कुमार ध्रुव ने इस वर्ष के जेईई मेन्स और एडवांस परीक्षा में क्वालीफाई किया और काउंसलिंग के पष्चात जसवंत को आईआईटी जोधपुर तथा प्रदीप को एनआईटी वारंगल में प्रवेष मिल गया है।
इन छात्रों की कठिन परिश्रम और लगन से उनकी मुष्किल राह आसान हो गयी।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति प्री मेडिकल एवं प्री इंजीनियरिंग परीक्षा पूर्व प्रषिक्षण योजना के तहत इन्हें निषुल्क कोचिंग की सुविधा प्रीमियम कैरियर लांचर एकेडमी बिलासपुर में दी गई थी साथ ही उनके आवास और भोजन की निषुल्क व्यवस्था थी।
योजना के तहत ड्रापर बच्चे जो इन परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते है उन्हें लाभान्वित किया जाता है। छात्र जसवंत राजनांदगांव जिले के ग्राम गहीराभेड़ी और प्रदीप महासमुंद जिले के ग्राम गुडरूडीह का निवासी है।
उन्होंने प्रयास आवासीय विद्यालय बिलासपुर में 11वीं एवं 12वीं की षिक्षा प्राप्त की है। यह विद्यालय उन प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए स्थापित है जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के है जिसके कारण उनकी षिक्षा प्रभावित होती है।
दोनों छात्रों ने गतवर्ष बारहवीं बोर्ड की परीक्षा अच्छे नंबरों के साथ उत्तीर्ण की थी। जसवंत ने गतवर्ष जेईई मेन्स परीक्षा क्वालीफाई किया था और उसका चयन एनआईटी रायपुर के लिए हुआ था।
लेकिन वह आईआईटी में ही जाना चाहता था। छात्र प्रदीप का चयन एनआईटी पटना में हुआ था लेकिन समय पर दस्तावेज जमा नहीं करने के कारण उसका प्रवेष नहीं हो पाया था।
लेकिन दोनो छात्रों में हौसलों की कमी नहीं थी। उन्होंने निषुल्क कोचिंग का लाभ लेकर फिर से तैयारी की और इस वर्ष जेईई मेन्स व एडवांस परीक्षा में बैठे। इस बार जसवंत का चयन आईआईटी जोधपुर तथा प्रदीप का चयन एनआईटी वारंगल के लिए हुआ है।
इसी तरह निषुल्क कोचिंग का लाभ लेकर अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्र हुमनलाल और दिनेष कुमार खरे ने भी जेईई एडवांस परीक्षा क्वालीफाई किया है। ये छात्र छत्तीसगढ़ शासन के आभारी हैं जिसके कारण इन गरीब परिवारों के प्रतिभावान बच्चों को उनके सपने साकार करने में मदद मिली हैं।