ईडी की छापेमारी से गरमाई सियासत, भूपेश बघेल के 14 ठिकानों पर छापेमारी, अरुण साव ने भूपेश बघेल पर साधा निशाना
रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज सुबह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित निवास पर छापेमारी की। इसके अलावा, जांच एजेंसी ने राज्य में कुल 14 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी, जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। ईडी की इस कार्रवाई को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। यह छापेमारी ऐसे समय पर हो रही है जब राज्य में विधानसभा का बजट सत्र जारी है, जिससे इस मुद्दे ने और अधिक राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।
ईडी की छापेमारी के पीछे क्या है कारण?
ईडी की यह कार्रवाई कथित आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच के सिलसिले में की गई है। जांच एजेंसी का कहना है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान कई घोटाले हुए, जिनमें कोल परिवहन घोटाला, शराब घोटाला और अन्य कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच जारी है। ईडी का दावा है कि कई मामलों में घोटालों में शामिल लोगों की संलिप्तता स्पष्ट हुई है और कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
डिप्टी सीएम अरुण साव ने दी प्रतिक्रिया, बोले- “डरने की जरूरत नहीं”
इस छापेमारी को लेकर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश जानता है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में बड़े घोटाले हुए हैं और जांच एजेंसियां निष्पक्ष रूप से अपना काम कर रही हैं। उन्होंने कहा,
“अगर भूपेश बघेल निर्दोष हैं, तो उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। उनके करीबी लोगों की संलिप्तता पहले ही उजागर हो चुकी है, कई गिरफ्तार हो चुके हैं और जांच आगे बढ़ रही है।”
अरुण साव ने इस कार्रवाई को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है और यदि भूपेश बघेल पाक-साफ हैं, तो उन्हें छिपने या परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
कांग्रेस का पलटवार, कहा- “यह राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा”
ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह पूरी तरह से बदले की भावना से की गई छापेमारी है और भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया गया है।
भूपेश बघेल के समर्थकों ने इसे “राजनीतिक षड्यंत्र” करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस को कमजोर करने के लिए ऐसी रणनीति अपना रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के मजबूत नेताओं को परेशान करने की साजिश रची जा रही है।
भूपेश बघेल ने दी प्रतिक्रिया, बोले- “मुझे डराने की कोशिश बेकार”
ईडी की इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह ऐसे दबाव में झुकने वाले नहीं हैं और उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,
“जब अदालत ने सात साल से चले आ रहे झूठे केस को खारिज कर दिया, तो अब ईडी मेरे दरवाजे पर आ गई है। यह केवल मुझे डराने और मेरी आवाज को दबाने का प्रयास है, लेकिन मैं किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटूंगा।”
प्रदेश की राजनीति में मचा हड़कंप, आगे क्या होगा?
ईडी की इस छापेमारी से छत्तीसगढ़ में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस जहां इसे बदले की कार्रवाई बता रही है, वहीं भाजपा इसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश कह रही है। इस छापेमारी से बजट सत्र की कार्यवाही भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि विपक्ष अब इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रहा है।
इस मामले में आगे क्या होता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह मामला तूल पकड़ चुका है और आगामी लोकसभा चुनावों से पहले इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी टकराव और भी तेज होगा