ईडी की कार्रवाई पर सियासी घमासान: अरुण साव बोले – भूपेश बघेल जांच में सहयोग करें, बेवजह हंगामा न करें
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस कार्रवाई पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक सामान्य जांच प्रक्रिया है, जो एजेंसी द्वारा कानूनी प्रावधानों और तथ्यों के आधार पर की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईडी एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है, जिसे निष्पक्ष रूप से अपना कार्य करने देना चाहिए। उन्होंने सभी पक्षों से अपील की कि वे जांच में सहयोग करें और अनावश्यक हंगामा खड़ा करने से बचें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी की जांच प्रक्रिया से घबराने की जरूरत नहीं है और जिन पर भी जांच हो रही है, उन्हें एजेंसी के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जांच से संबंधित तथ्य केवल एजेंसी ही बता सकती है और इसमें किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने भूपेश बघेल के बेटे को भी जांच प्रक्रिया को समझने और इसमें सहयोग करने की सलाह दी।
इस बीच, ईडी की टीम जब भूपेश बघेल के निवास से बाहर निकली तो उन पर हुए कथित हमले को लेकर भी अरुण साव ने नाराजगी जताई। उन्होंने इसे निंदनीय करार देते हुए कहा कि किसी को भी जांच एजेंसी के काम में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि इस तरह की घटनाएं निष्पक्ष जांच में बाधा बन सकती हैं और मामले को प्रभावित कर सकती हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस इस छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसे बदले की राजनीति करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार, ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में केंद्र सरकार और ईडी का पुतला दहन किया जाएगा। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ कार्रवाई बताया और कहा कि वे इसके खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे।
ईडी द्वारा 10 मार्च को भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास सहित कई अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है और भाजपा व कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब सबकी नजरें जांच के आगे के घटनाक्रम और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर टिकी हुई हैं।