छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई पर राजनीतिक उथल-पुथल, भूपेश बघेल का आरोप – सरकार एजेंसियों का कर रही है दुरुपयोग
रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी की कार्रवाई को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने का दावा करने वाली ईडी की ट्वीट पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बघेल ने आरोप लगाया कि ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है और इस तरह की कार्रवाइयों के माध्यम से लोगों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों का काम सिर्फ प्रताड़ना देना और लोगों को सार्वजनिक रूप से बदनाम करना हो गया है, जबकि अभी तक किसी भी एजेंसी ने कोई ठोस चालान पेश नहीं किया है।
बघेल ने सवाल किया कि अगर एजेंसियों के पास इतने महत्वपूर्ण साक्ष्य थे तो अब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाइयां क्यों नहीं की गई हैं। इसके बजाय, केवल आरोपों और ट्वीट के माध्यम से सरकार अपनी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को बढ़ावा देने के बजाय एजेंसियों को अपनी जांच और कार्रवाई को मजबूत बनाना चाहिए।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में नगर निगमों में प्रशासक की नियुक्ति पर भी बघेल ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि ये असंवैधानिक है और सरकार द्वारा संविधान की अवहेलना की जा रही है। बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार स्थानीय निकायों के चुनावों को टालकर अपनी स्वार्थपूर्ति कर रही है और स्थानीय चुनाव कराने में डर रही है। उन्होंने इस निर्णय को लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ बताते हुए इसे असंवैधानिक कृत्य कहा। बघेल ने यह भी कहा कि भाजपा ने विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर स्थानीय चुनावों को टालने की योजना बनाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार संविधान का पालन नहीं कर रही है।
छत्तीसगढ़ के स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर बढ़ती बहस और राजनीतिक बयानबाजियों ने राज्य में चुनावी माहौल को और भी गरमा दिया है, जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियाँ अपनी बातों को साबित करने की कोशिश कर रही हैं।