One Nation-One Election पर पीएम मोदी का बयान: लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में मोदी सरकार की कैबिनेट ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत, भारत में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक साथ कराने की योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कदम लोकतंत्र को अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने पर सराहना जताई और इसे लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “मैं विभिन्न हितधारकों से परामर्श करने के लिए रामनाथ कोविंद जी की सराहना करता हूं। यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक सशक्त और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

कैबिनेट की मंजूरी के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय भारत को ऐतिहासिक चुनाव सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत परिवर्तनकारी सुधारों का गवाह बन रहा है। इस निर्णय से चुनावों की स्वच्छता और वित्तीय कुशलता बढ़ेगी और संसाधनों का बेहतर आवंटन होगा।”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय देश की प्रगति में बाधक हमेशा चलने वाले चुनावों को समाप्त करेगा। उन्होंने कहा, “हमेशा चुनावों की तैयारी के कारण विकास के फैसले नहीं लिए जा पाते। पीएम मोदी का यह निर्णय देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय को ‘मील का पत्थर’ बताया और इसे राजनीतिक स्थिरता और समृद्ध लोकतंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम कहा। उन्होंने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया और इसे भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

विपक्ष की प्रतिक्रियाओं में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे व्यावहारिक नहीं मानते हुए आरोप लगाया कि भाजपा असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी बातें करती है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक बताया लेकिन इसके उद्देश्य को जनहित में होने की आवश्यकता जताई। राजद नेता मनोज कुमार झा ने इस फैसले को पुरानी व्यवस्था की पुनरावृत्ति बताते हुए सवाल उठाए कि यदि राज्य सरकारें गिर जाएं तो क्या होगा।

इस निर्णय को लेकर विभिन्न नेताओं और विपक्ष के विचार अलग-अलग हैं, लेकिन यह कदम भारतीय लोकतंत्र के चुनावी प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।

यह भी पढ़े:   “सांसद बृजमोहन-अग्रवाल का बयान: ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से देश की प्रगति में आएगी तेजी”