पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा: भारत के लिए क्यों रणनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है यह द्वीपीय राष्ट्र?
मॉरीशस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मॉरीशस यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय राष्ट्र के साथ भारत के संबंध केवल भौगोलिक और कूटनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, भावनात्मक और ऐतिहासिक रूप से भी बेहद गहरे हैं। यह यात्रा रक्षा सहयोग, व्यापारिक संबंधों, शिक्षा, टेक्नोलॉजी, डिजिटल विकास, समुद्री सुरक्षा और प्रवासी भारतीयों के साथ सांस्कृतिक एकता को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में नई संभावनाएं खोल रही है।
मॉरीशस और भारत: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
मॉरीशस की लगभग 70% आबादी भारतीय मूल की है, जो 19वीं और 20वीं सदी के दौरान गिरमिटिया मजदूरों के रूप में यहां बसाई गई थी। 1834 से 1920 के बीच ब्रिटिश शासन के तहत हजारों भारतीय मजदूर मॉरीशस पहुंचे और यहीं पर स्थायी रूप से बस गए। इन प्रवासियों ने न केवल मॉरीशस के आर्थिक विकास में योगदान दिया, बल्कि वहां की संस्कृति, भाषा, परंपराओं और जीवनशैली को भी भारतीय रंग में रंग दिया। आज मॉरीशस में हिंदी, भोजपुरी, तमिल और अन्य भारतीय भाषाओं का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है। यहां दीपावली, होली, गणेश चतुर्थी और महाशिवरात्रि जैसे भारतीय त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा और भारत-मॉरीशस संबंधों में नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा न केवल भारत और मॉरीशस के बीच पारंपरिक मित्रता को प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से की गई है, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण रणनीतिक और आर्थिक समझौतों को भी नई दिशा प्रदान कर रही है। इस यात्रा के दौरान भारत और मॉरीशस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
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रक्षा और समुद्री सुरक्षा – मॉरीशस हिंद महासागर में एक अत्यंत महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति में स्थित है, जिससे यह भारत की समुद्री सुरक्षा नीति का एक अनिवार्य हिस्सा बनता है। भारत, मॉरीशस को रक्षा उपकरण, सैन्य प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में दोनों देशों ने अगालेगा द्वीप पर एयरस्ट्रिप और जेटी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्र में भारत की समुद्री रणनीति को मजबूती मिलेगी।
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व्यापार और निवेश – भारत मॉरीशस में सबसे बड़ा निवेशक है और कई बुनियादी ढांचे से जुड़े परियोजनाओं में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए दोनों देशों ने कई अहम समझौते किए हैं। भारत मॉरीशस में डिजिटल अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, परिवहन और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में अपने निवेश को बढ़ाने की योजना बना रहा है।
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शिक्षा और कौशल विकास – भारत और मॉरीशस के शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को और अधिक सशक्त करने की दिशा में नई पहल की गई है। भारतीय विश्वविद्यालय और मॉरीशस के उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच साझेदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे दोनों देशों के छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
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डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और टेक्नोलॉजी सहयोग – डिजिटल इंडिया पहल के तहत भारत, मॉरीशस को डिजिटल परिवर्तन में सहयोग प्रदान कर रहा है। इसमें ई-गवर्नेंस, साइबर सुरक्षा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और अन्य डिजिटल अवसंरचनाओं का विकास शामिल है।
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सांस्कृतिक और प्रवासी भारतीय संबंध – प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान प्रवासी भारतीयों के साथ विशेष संवाद हुआ, जहां मॉरीशस में बसे भारतीय मूल के लोगों ने पारंपरिक भोजपुरी संगीत और भारतीय लोक गीतों के साथ उनका भव्य स्वागत किया। यह यात्रा प्रवासी भारतीयों को उनकी मातृभूमि से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
भारत और मॉरीशस के बीच कूटनीतिक साझेदारी का महत्व
मॉरीशस भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक सहयोगी रहा है। वैश्विक कूटनीति में भारत को समर्थन देने के मामले में मॉरीशस हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र, G20 और कॉमनवेल्थ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी घनिष्ठ सहयोग बना हुआ है।
एक सशक्त और दीर्घकालिक साझेदारी की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा केवल औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि यह भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस यात्रा के दौरान रक्षा, व्यापार, शिक्षा, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, समुद्री सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को लेकर जो महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, वे दोनों देशों के आपसी हितों को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे। यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच एक नई और सशक्त साझेदारी की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।