गिर नेशनल पार्क में पीएम मोदी की जंगल सफारी दौरा: वन्यजीव संरक्षण पर महत्वपूर्ण बैठक और शेरों के संरक्षण की नई योजनाएं
जूनागढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध गिर नेशनल पार्क का दौरा किया और जंगल सफारी का आनंद लिया। रविवार की रात उन्होंने गिर नेशनल पार्क में स्थित राज्य वन विभाग के गेस्ट हाउस ‘सिंह सदन’ में विश्राम किया और सोमवार सुबह जंगल सफारी पर निकले। इस दौरान उनके साथ कुछ केंद्रीय मंत्री, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। जंगल सफारी के दौरान पीएम मोदी ने एशियाई शेरों के संरक्षण प्रयासों की समीक्षा की और वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने के महत्व पर जोर दिया।
गिर नेशनल पार्क के मुख्यालय शासन गिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की बैठक की अध्यक्षता भी की। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, वन्यजीव विशेषज्ञ, गैर सरकारी संगठनों के सदस्य, शीर्ष वन अधिकारी और रक्षा प्रमुख (CDS) समेत कुल 47 सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में देश में वन्यजीव संरक्षण की स्थिति, नए प्रयासों और नीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए 2900 करोड़ रुपये की राशि आवंटित किए जाने की घोषणा की गई। यह धनराशि शेरों के प्राकृतिक आवास के विस्तार, मॉनिटरिंग सिस्टम के सुदृढ़ीकरण और आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं के विकास पर खर्च की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने गिर के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारत की जैव विविधता को संरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत न केवल एशियाई शेरों बल्कि अन्य दुर्लभ वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवासों के विस्तार में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि गिर में वन्यजीव संरक्षण को और प्रभावी बनाने के लिए अत्याधुनिक मॉनिटरिंग सेंटर और एक विशेष अस्पताल भी स्थापित किया गया है, जहां वन्यजीवों के स्वास्थ्य की निगरानी और उपचार किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने गिर नेशनल पार्क में कार्यरत महिला कर्मचारियों से भी मुलाकात की और उनके अनुभवों को जाना। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि वन्यजीव संरक्षण और जंगल की निगरानी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण में स्थानीय समुदाय की भागीदारी बेहद जरूरी है और इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने सोमनाथ मंदिर में भी पूजा-अर्चना की और भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और पर्यटन के विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत के जंगल और वन्यजीव न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का भी हिस्सा हैं।
गौरतलब है कि गिर नेशनल पार्क एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है, जहां वर्तमान में 30,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में शेरों की संख्या बढ़ रही है। सरकार ने हाल ही में जूनागढ़ जिले के न्यू पिपलिया में वन्यजीवों के लिए एक राष्ट्रीय रेफरल केंद्र स्थापित करने की भी योजना बनाई है, जहां दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण और पुनर्वास के प्रयास किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में सभी नागरिकों से अपील की कि वे वन्यजीवों और जैव विविधता की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा, “आज विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। हर प्रजाति का इस पारिस्थितिक तंत्र में विशेष योगदान है, और हमें उनके अस्तित्व की रक्षा करनी चाहिए। भारत ने वन्यजीव संरक्षण में अभूतपूर्व प्रगति की है, और हमें इस पर गर्व होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री का यह दौरा गिर के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को और अधिक गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस यात्रा के दौरान लिए गए निर्णय और किए गए वादे भारत में वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण को एक नई दिशा देने में सहायक साबित होंगे।
