“पीएम मोदी का ब्रिक्स सम्मेलन में प्रभावशाली वक्तव्य: आतंकवाद और अस्थिरता के खिलाफ एकजुटता”
कजान: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने प्रभावशाली संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर युद्ध, आर्थिक अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी गंभीर चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है, और यह कि ब्रिक्स देशों को एक सकारात्मक भूमिका निभाते हुए दुनिया को सही दिशा में ले जाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से समस्या के समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं,” यह स्पष्ट संदेश देते हुए कि वैश्विक समुदाय को मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। कोविड महामारी के समय की तरह, जो एकता से पार किया गया, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसरों को सृजित करने में सक्षम होना चाहिए।
आतंकवाद से निपटने के लिए भी मोदी ने ठोस वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता की वकालत की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण से निपटने में कोई दोहरे मानक नहीं होने चाहिए और सभी देशों को एकजुट होकर इस खतरे का सामना करना चाहिए। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन की लंबित प्रक्रिया को शीघ्रता से आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई।
इसके साथ ही, मोदी ने ब्रिक्स में नए देशों के स्वागत की बात की और कहा कि सभी निर्णय आम सहमति से लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान होना चाहिए और जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों का सभी सदस्यों द्वारा अनुपालन किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंकों और विश्व व्यापार संगठन में सुधारों की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्रिक्स संगठन, वैश्विक संस्थानों की जगह लेने का प्रयास न करे, बल्कि सहयोग और समर्थन का एक मजबूत आधार बने।
इस प्रकार, पीएम मोदी का यह संबोधन न केवल वर्तमान वैश्विक मुद्दों को संबोधित करता है, बल्कि आने वाले समय के लिए सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है।