पीएम मोदी का सेमीकंडक्टर क्रांति पर जोर: ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के साथ भारत नई दिशा में अग्रसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेकर भारत की प्रगति और वैश्विक सहयोग को नया आयाम दिया। न्यूयॉर्क के इनडोर स्टेडियम में हजारों प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने अनुभव और विचार साझा किए, जिससे भारतीय समुदाय में उत्साह और गर्व का माहौल बना। उन्होंने ‘पीयूएसएचपी’ मॉडल के जरिए भारत के विकास के पांच स्तंभों का वर्णन किया, जिनमें प्रगतिशील, सतत, आध्यात्मिक, मानवता प्रथम और समृद्ध भारत की कल्पना शामिल है। मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि वह भारत के उज्ज्वल भविष्य और विकास की दिशा में हरसंभव प्रयास करेंगे।

सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र पर चर्चा:
अमेरिका के साथ परिवर्तनकारी सहयोग के तहत भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र की स्थापना पर जोर दिया गया। इस परियोजना के तहत दोनों देश मिलकर सैन्य हार्डवेयर, दूरसंचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए उच्च गुणवत्ता वाली चिप्स का उत्पादन करेंगे। यह संयंत्र भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को नई मजबूती मिलेगी।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के ‘समिट फॉर फ्यूचर’ में भी भाग लिया, जहां उन्होंने वैश्विक चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन, और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने दुनिया के प्रमुख नेताओं से अपील की कि एकजुट होकर आने वाले भविष्य की चुनौतियों का सामना करें। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म हमारा मंत्र है। हम वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता और निरंतरता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

सीईओ राउंड टेबल बैठक:
नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ राउंड टेबल बैठक में भाग लिया। इसमें गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, और अन्य तकनीकी कंपनियों के सीईओ शामिल थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत में तकनीकी नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और उद्योग 4.0 को बढ़ावा देना था। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले साल की उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान भी उन्होंने इन दिग्गजों से मुलाकात की थी, और इस बार उनके साथ बैठकर यह देखना अच्छा लगा कि भारत में निवेश और सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता कितनी मजबूत है।

विलमिंगटन में बाइडन से महत्वपूर्ण बैठक:
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ विलमिंगटन में एक विस्तृत वार्ता की। इस बातचीत में उन्होंने अमेरिका-भारत रक्षा और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश आने वाले समय में रक्षा प्रौद्योगिकी, नवाचार और सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। बाइडन ने भी भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत करने की इच्छा जताई।

प्रवासी भारतीयों के प्रति सम्मान और आभार:
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क के इनडोर स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह उनके समर्थन और सहयोग के लिए हमेशा उनके ऋणी रहेंगे। उन्होंने भारतीय समुदाय की उपलब्धियों और वैश्विक मंच पर उनकी उपस्थिति की सराहना की। मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीय हमारे ‘कल्चर एंबेसडर’ हैं, जो भारतीय संस्कृति, परंपरा और मूल्यों को पूरी दुनिया में फैलाने का काम करते हैं।

फलस्तीनी राष्ट्रपति और अन्य वैश्विक नेताओं से मुलाकात:
प्रधानमंत्री मोदी ने फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास, कुवैत के क्राउन प्रिंस और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात की। इन बैठकों में उन्होंने आपसी सहयोग, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। खासकर, उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री से भारत-नेपाल साझेदारी के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श किया और दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सहमति जताई।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है और आने वाले वर्षों में तकनीकी और आर्थिक रूप से एक सशक्त देश बनने की ओर अग्रसर है। इस यात्रा ने भारत-अमेरिका के बीच संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान की और भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।