PM Modi at Supreme Court Event: जम्मू-कश्मीर में पहली बार मनाया गया संविधान दिवस
दिल्ली : संविधान दिवस 2024 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया और भारतीय संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार साझा किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था अब पूरी तरह से न्याय आधारित हो चुकी है, जहां दंड आधारित प्रणाली से अब न्याय और समता की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई है।
प्रधानमंत्री ने संविधान के प्रभावी कार्यान्वयन और भारतीय नागरिकों को न्याय के त्वरित उपलब्धता की दिशा में किए गए सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि यह बदलाव भारतीयों के लिए राहत का कारण बना है, और इसका उद्देश्य न्यायपालिका को और अधिक सशक्त और सुलभ बनाना है।
पीएम मोदी ने विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर का उल्लेख किया, जहां पहली बार संविधान दिवस का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा, “आज संविधान की ताकत के कारण ही बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का संविधान जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से लागू हो पाया है।” यह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम था, जो न केवल संविधान के प्रति सम्मान को बढ़ाता है बल्कि पूरे देश को एकता और अखंडता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है।
प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय संविधान को केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि एक जीवित दस्तावेज के रूप में तैयार किया था, जो समय के साथ अपनी प्रासंगिकता बनाए रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान निर्माताओं को यह स्पष्ट था कि भारत की आकांक्षाएं और चुनौतियाँ समय के साथ बदलेंगी, और इसलिए संविधान को निरंतर विकसित होने के लिए तैयार किया गया था।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “आज जब हम लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पर्व को मना रहे हैं, तो हम उन शहीदों को नहीं भूल सकते जिन्होंने 26/11 हमले में अपनी जान गंवाई।” उन्होंने देशवासियों से यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकवादी संगठन को कड़ी सजा दी जाएगी और इसके खिलाफ हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संविधान की भूमिका को उजागर करते हुए कहा कि यह संविधान न केवल देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संरचना को व्यवस्थित करता है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली का भी प्रतीक है। संविधान दिवस के इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों से यह आग्रह किया कि वे संविधान के आदर्शों को जीवन में उतारने के लिए प्रतिबद्ध रहें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें।