“महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर पीएम मोदी और राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, पूर्व PM शास्त्री को भी किया नमन”

नई दिल्ली:  आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में विशेष आयोजन हो रहे हैं, जिसमें देश के प्रमुख नेताओं ने गांधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने राजघाट पहुंचकर बापू की समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। यह दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं में से एक, महात्मा गांधी को याद करने और उनके आदर्शों का पालन करने का दिन है।

महात्मा गांधी की स्मृति में राष्ट्र की श्रद्धांजलि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता को नमन करते हुए उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “सभी देशवासियों की ओर से पूज्य बापू को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। सत्य, सद्भाव और समानता पर आधारित उनका जीवन और आदर्श देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणापुंज बना रहेगा।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य ने महात्मा गांधी के जीवन मूल्यों को एक बार फिर राष्ट्रीय चेतना में सामने रखा।

अन्य नेताओं की उपस्थिति और श्रद्धांजलि: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी राजघाट पहुंचकर गांधीजी को नमन किया। दोनों नेताओं ने बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया।

वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने विजय घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी पुष्पांजलि अर्पित की, जिनकी जयंती भी 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री ने अपने जीवन में “जय जवान, जय किसान” के नारे के साथ राष्ट्र की सेवा की, और उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण है।

राहुल गांधी और अन्य नेताओं की उपस्थिति : कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी राजघाट पर पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा, राहुल गांधी ने विजय घाट पर लाल बहादुर शास्त्री की समाधि पर भी पुष्प अर्पित किए। उन्होंने इस मौके पर देश के लिए दोनों महान नेताओं के योगदान को याद किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प व्यक्त किया।

शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में आयोजन: महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के उपलक्ष्य में देशभर के स्कूल, कॉलेज, और सरकारी दफ्तरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में गांधीजी के अहिंसा, सत्याग्रह, और आत्मनिर्भरता के विचारों पर चर्चाएं हुईं। कई स्थानों पर सफाई अभियानों का आयोजन किया गया, ताकि गांधीजी के स्वच्छता के संदेश को आगे बढ़ाया जा सके।

महात्मा गांधी का जीवन और उनके आदर्श: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों से विश्व को नई दिशा दी। उनका संघर्ष और उनकी तपस्या आज भी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गांधीजी के नेतृत्व में भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की और उनके विचार आज भी भारतीय समाज और राजनीति में गहरे समाए हुए हैं।

लाल बहादुर शास्त्री का योगदान: लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, अपने सादगी भरे जीवन और ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा और किसानों के अधिकारों के लिए अतुलनीय योगदान दिया। उनकी जयंती भी इस विशेष दिन पर मनाई जाती है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

आज का दिन इन महान नेताओं के जीवन और विचारों को याद करने का अवसर है, जो भारतीय समाज को प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहते हैं। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री दोनों ही भारत के आदर्श नेतृत्व का प्रतीक हैं, जिन्होंने अपने कार्यों और सिद्धांतों से भारत को नई दिशा दी।