सीमित लोगों के साथ बस्तर दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वहन करें -कमलचंद भंजदेव
जगदलपुर:– बस्तर के महाराजा कमलचंद भंजदेव ने बस्तर के रियासत कालीन एतिहासिक दशहरा पर्व पर बस्तर के मांझी, मुखीया, चालकी सहित बस्तर के जनता से कोविड-19 को देखते हुए दशहरा पर्व सीमित लोगों के साथ बस्तर दशहरा पर्व के पूजा परंपरा के निर्वहन के साथ मनाने की अपील की है। ज्ञात हो कि 16 अक्टूबर से काछन गादी के साथ प्रारंभ हो जायेगा।
भंजदेव द्वारा जारी बयान में उन्होने कहा कि बस्तर का ऐतिहासिक दशहरा अपने रीति रिवाज के अनुसार मनाया जाएगा। बस्तर दशहरा के परंपरा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, रथ का निर्माण और रथ का संचालन भी होगा। लेकिन पूरे देश में कोविड-19 की सक्रमण की स्थिति को देखते हुए उन्होंने कहा है कि जिन लोगों पर पूजा पाठ परंपरा के निर्वहन की जिम्मेदारी है, वही बस्तर दशहरा पर्व में शामिल हो और कम से कम लोग आए, बुजुर्गों के स्थान पर उनके परिवार के जवान अन्य सदस्य पूजा परंपराओं में शामिल होकर परंपरा का निर्वहन करे। अपने साथ किसी को नही लाये क्योंकि सोंशल डिस्टेंस भी कायम रखना है। उन्होने आह्वान किया कि पूजा परंपराओं में शामिल होने के लिए आने वालों में का भी यह कर्तव्य है कि कोरोना संक्रमण को रोकने और इस बीमारी से बस्तर के लोगों को बचाना भी हम सब की जिम्मेदारी है।