पेरिस एआई समिट: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने सख्त नियमन का किया विरोध, यूरोप और अमेरिका के बीच मतभेद हुए उजागर
पेरिस: पेरिस में आयोजित एआई शिखर सम्मेलन में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कृत्रिम मेधा (AI) के अत्यधिक विनियमन के खिलाफ स्पष्ट रूप से विरोध जताते हुए इसे एक तेजी से विकसित हो रहे उद्योग के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिका में विकसित एआई तकनीक वैचारिक पूर्वाग्रह से मुक्त रहे और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध न लगे। इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि यूरोप के सख्त नियामक दृष्टिकोण को अमेरिका से कड़ी चुनौती मिल सकती है।
एआई विनियमन पर वैश्विक मतभेद हुए उजागर
समिट में वैश्विक नेताओं, शीर्ष तकनीकी अधिकारियों और नीति निर्माताओं ने एआई के सुरक्षा, अर्थशास्त्र और शासन पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की। हालांकि, अमेरिका द्वारा नियमन के प्रति अपने लचीले रुख को दोहराने के बाद शिखर सम्मेलन में मतभेद स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आ गए।
- यूरोप का झुकाव एआई के सख्त विनियमन और निवेश बढ़ाने की ओर है।
- चीन अपने सरकार समर्थित तकनीकी दिग्गजों के जरिए वैश्विक एआई बाजार में विस्तार कर रहा है।
- अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में “हस्तक्षेप न करने” की नीति पर चल रहा है।
वेंस ने दी यूरोपीय प्रतिबंधों पर चेतावनी
उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपने संबोधन में एलन मस्क के सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर संभावित यूरोपीय प्रतिबंधों को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यूरोपीय सरकारें ‘एक्स’ पर प्रतिबंध लगाती हैं, तो अमेरिका को अपनी नाटो प्रतिबद्धताओं पर पुनर्विचार करना चाहिए। उनके इस बयान ने यूरोप और अमेरिका के बीच एआई नीति को लेकर बढ़ते मतभेदों को और गहरा कर दिया है।
वैश्विक शक्ति संतुलन और एआई की भूमिका
शिखर सम्मेलन के दौरान, वेंस ने यूक्रेन युद्ध, वैश्विक शक्ति संतुलन और अमेरिका-चीन संबंधों में एआई की भूमिका पर भी चर्चा की। उनकी इस यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से भी अलग-अलग मुलाकात होने की संभावना है।
चीन और अमेरिका के बीच एआई पर बढ़ता तनाव
इससे पहले, चीन के अधिकारियों ने सोमवार को पश्चिमी देशों द्वारा एआई उपकरणों तक पहुंच को सीमित करने के प्रयासों की कड़ी निंदा की थी। दूसरी ओर, चीनी एआई कंपनी डीपसीक के नए चैटबॉट को लेकर अमेरिकी कांग्रेस में सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए इसके उपयोग को सीमित करने की मांग उठी है।