पेरिस एआई शिखर सम्मेलन: डिजिटल समानता सुनिश्चित करने के लिए नया वैश्विक मंच लॉन्च

पेरिस:   पेरिस में आयोजित एआई एक्शन समिट ने दुनिया भर के नेताओं, नीति निर्माताओं और तकनीकी विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर एआई के नैतिक और सतत विकास पर व्यापक चर्चा की। भारत और फ्रांस की सह-अध्यक्षता में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में “लोगों और ग्रह के लिए समावेशी और टिकाऊ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य एआई की पहुंच को व्यापक बनाना, डिजिटल विभाजन को कम करना और सार्वजनिक व निजी प्रयासों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना था।

एआई विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी

एआई शिखर सम्मेलन के संस्थापक सदस्यों ने पब्लिक इंटरेस्ट एआई प्लेटफॉर्म और इनक्यूबेटर लॉन्च करने की घोषणा की, जिससे सार्वजनिक हित में एआई की पहल को मजबूत किया जा सके। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल संसाधनों और एआई के विकास के लिए आवश्यक मॉडल, डेटा, ऑडिटिंग, कंप्यूटिंग, प्रतिभा और वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देना है। यह पहल सरकारों, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक संगठनों को जोड़कर एआई के नैतिक और सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगी।

शिखर सम्मेलन की प्रमुख चर्चाएं और प्राथमिकताएं

1. एआई और ऊर्जा:
समिट में पहली बार एआई और ऊर्जा से संबंधित विषयों पर बहु-हितधारक प्रारूप में चर्चा हुई। इसके तहत एआई के कारण बढ़ती ऊर्जा खपत, ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश और टिकाऊ हार्डवेयर व बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे मुद्दों पर विचार किया गया। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के सहयोग से एआई के ऊर्जा प्रभाव पर एक वेधशाला स्थापित करने की घोषणा की गई, जो ऊर्जा-कुशल एआई इनोवेशन को प्रोत्साहित करेगी।

2. एआई और श्रम बाजार:
श्रम बाजार में एआई के बढ़ते प्रभाव को समझने के लिए वैश्विक वेधशालाओं का नेटवर्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इससे कार्यस्थलों, प्रशिक्षण और शिक्षा में एआई के उपयोग और उसके प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। इसका उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने, नई नौकरियों के अवसरों को सृजित करने और श्रमिकों की कौशल वृद्धि में एआई का उपयोग सुनिश्चित करना है।

3. एआई शासन और नैतिकता:
शिखर सम्मेलन में एआई के समावेशी और सुरक्षित विकास के लिए वैश्विक शासन तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसमें मानवीय अधिकारों की सुरक्षा, लैंगिक समानता, भाषाई विविधता, उपभोक्ता संरक्षण और बौद्धिक संपदा अधिकारों को ध्यान में रखते हुए एआई के उपयोग पर दिशानिर्देश तय किए गए।

भविष्य के एआई सम्मेलनों की रूपरेखा

शिखर सम्मेलन ने भविष्य में एआई के सतत विकास को लेकर विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों पर भी प्रकाश डाला। इनमें शामिल हैं:

  • किगाली शिखर सम्मेलन
  • थाईलैंड और यूनेस्को द्वारा आयोजित एआई की नैतिकता पर तीसरा वैश्विक मंच
  • 2025 विश्व एआई सम्मेलन
  • एआई फॉर गुड ग्लोबल समिट 2025

एलिसी पैलेस के अनुसार, 58 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, जापान, यूके, यूएस, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ आयोग शामिल हैं।

वैश्विक प्रतिबद्धताओं की पुष्टि

संयुक्त वक्तव्य में एआई के सतत और समावेशी विकास के लिए छह प्रमुख प्राथमिकताओं की पुष्टि की गई:

  1. डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए एआई की पहुंच को बढ़ावा देना।
  2. एआई को खुला, पारदर्शी, नैतिक और सुरक्षित बनाना।
  3. नवाचार को बढ़ावा देकर औद्योगिक विकास को मजबूत करना।
  4. श्रम बाजार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एआई को बढ़ावा देना।
  5. पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए एआई को विकसित करना।
  6. अंतरराष्ट्रीय सहयोग और शासन तंत्र को मजबूत करना।

पेरिस एआई एक्शन समिट ने दुनिया भर के नेताओं को एक मंच पर लाकर एआई के विकास के लिए आवश्यक नीतियों और रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में तय किए गए मील के पत्थर एआई के नैतिक, समावेशी और टिकाऊ विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। अब, दुनिया को इस साझा विज़न को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता होगी, जिससे एआई मानवता और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सके।