पाकिस्तान सरकार ने लंबे समय तक सेवा देने वाले सैनिकों और अधिकारियों की पेंशन में की कटौती

पाकिस्तान : पाकिस्तान सरकार ने अपने बढ़ते पेंशन खर्चों पर नियंत्रण पाने के लिए एक नया पेंशन सुधार बिल पेश किया है। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान का पेंशन खर्च अब 1 ट्रिलियन रुपये से भी अधिक हो गया है, और यह हर साल लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके चलते, सरकार अब रिटायर हो चुके सिविल और सैन्य कर्मियों की पेंशन में कटौती करने की योजना बना रही है, ताकि इस बढ़ते खर्च को काबू में किया जा सके।

नए पेंशन सुधार बिल के अनुसार, अब पेंशन की गणना आखिरी दो सालों की सैलरी के औसत पर की जाएगी, न कि केवल आखिरी सैलरी पर। इसके साथ ही, पेंशन में वार्षिक वृद्धि को भी समाप्त कर दिया गया है, जो पहले नियमित रूप से पेंशन की राशि बढ़ा दिया जाता था। यह बिल उन कर्मचारियों को भी प्रभावित करेगा, जो वेतन और पेंशन दोनों प्राप्त करते हैं।

पाकिस्तान सरकार के पेंशन खर्चों में पिछले वर्ष के मुकाबले 24 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है, और इस सुधार के माध्यम से सरकार इन खर्चों को कम करने का प्रयास कर रही है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने पेंशन में बदलाव के लिए तीन अलग-अलग नोटिस जारी किए हैं, जिसमें पेंशन राशि को घटाना और भविष्य में पेंशन वृद्धि की प्रक्रिया को भी सीमित करना शामिल है।

इस बिल के तहत, नए सिविल और सैन्य कर्मचारियों के लिए पारंपरिक पेंशन योजना को 1 जुलाई, 2024 और 2025 से समाप्त कर दिया जाएगा और इसे एक नया पेंशन सिस्टम लागू किया जाएगा। पाक सरकार का पेंशन बजट इस वर्ष 1.014 ट्रिलियन रुपये रखा गया है, जिसमें से 66 प्रतिशत (662 बिलियन रुपये) सैन्य पेंशन के लिए निर्धारित है।

यह कदम पाकिस्तान सरकार की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि लंबे समय में पेंशन खर्चों को काबू किया जा सके और यह राष्ट्रीय वित्त पर अतिरिक्त दबाव को कम कर सके। सरकार आशा करती है कि ये बदलाव पेंशन प्रणाली को अधिक स्थिर बनाएंगे और पाकिस्तान के वित्तीय संकट को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मददगार साबित होंगे।