ऑक्सीजन प्लांट बंद होने के कगार पर, तीसरी लहर के दौरान लाखों की लागत से तैयार हुआ प्लांट अब बेकार
कोरिया | जिले के कंचनपुर कोविड हॉस्पिटल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट, जिसे कोविड की तीसरी लहर के दौरान स्थानीय मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर तैयार किया गया था, अब बंद होने के कगार पर है। इस प्लांट का उत्पादन बेहद कम हो चुका है, और इसे महीनों तक बंद रखा जा रहा है, जिससे अस्पताल के मरीजों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कोविड हॉस्पिटल परिसर में डीआरडीओ द्वारा पीएम केयर फंड से तीन साल पहले इस 500 एमपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई थी। यह प्लांट 40 बेड पर एक साथ ऑक्सीजन सप्लाई करने की क्षमता रखता था। अस्पताल के आईसीयू में इसके लिए पाइपलाइन कनेक्ट की गई थी, लेकिन यह व्यवस्था कुछ ही महीनों में बंद हो गई। अब प्लांट में ताला लटका हुआ है और इसके खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
इसका सबसे बड़ा कारण है, प्लांट की देखरेख और मेंटेनेंस का ना होना। तीन साल की वारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है और अब इसे सुधारने या रखरखाव के लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी। हालांकि, जिला अस्पताल में एक 1000 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट ठीक से काम कर रहा है, जबकि कंचनपुर कोविड हॉस्पिटल का प्लांट पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुका है।
साथ ही, कोविड हॉस्पिटल में लगे वेंटीलेटर भी शो पीस की तरह खड़े हैं, क्योंकि इनका इस्तेमाल नहीं हो रहा। इस स्थिति के कारण, जिले के मरीजों को इन सुविधाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में वेंटीलेटर और ऑक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए टेक्नीशियन की कमी भी एक और बड़ी समस्या बन गई है। वर्तमान में जिला अस्पताल और कोविड हॉस्पिटल के पास दो ऑक्सीजन प्लांट हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ एक का ही उपयोग हो रहा है।
इसके अलावा, कंचनपुर कोविड हॉस्पिटल में नया जिला अस्पताल बनने की प्रक्रिया भी चल रही है। नए अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की शिफ्टिंग की योजना है, जिससे पुरानी मशीनों का फिर से उपयोग किया जा सकेगा। जिला अस्पताल में पाइप सप्लाई के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे बेड तक ऑक्सीजन पहुंचाने और सिलेंडर की कमी की समस्याओं से निजात मिली है।
सीएमएचओ डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि कोविड हॉस्पिटल का ऑक्सीजन प्लांट अभी चालू हालत में है, लेकिन क्योंकि वर्तमान में कोविड के मरीज नहीं हैं, इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। नए जिला अस्पताल के तैयार होने के बाद इसे फिर से उपयोग में लाया जाएगा।