– राष्ट्र गौरव के लिए जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन

रायपुर। देश के सुप्रसिद्ध विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने रविवार को साइंस कालेज के पास स्थित पण्डित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम, रायपुर में राष्ट्र गौरव के लिए जनजागरण कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्र प्रथम संस्था ने किया।
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि सनातन का अर्थ साइंस है। इसमें धर्म का तात्पर्य माता-पिता, गुरु आदि धर्म से है। जातियां कर्म प्रधान थीं। करीब एक हजार सालों में इसे तोड़-मरोड़ा गया। हजारों साल पहले ऋषि-मुनियों ने जो बातें धर्मग्रंथ, वेद, पुराण, उपनिषदों में कहीं थीं, अब नासा उसे सही ठहरा रहा है। पृथ्वी से चांद तक की दूरी, धार्मिक प्रतीकों की वैज्ञानिक अवधारणा है। जिस कालखंड में यह जानकारियां दी गईं उस दौरान अगर लोगों को सीधे-सीधे समझाते तो शायद वह माना नहीं जाता। इसलिए उन्होंने इसे प्रतीकों से जोड़ा। पूजा-पाठ से जोड़ा। कार्यक्रम में पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि समाज ने सवाल पूछना बंद कर दिया। डॉक्टर से बीमारी की वजह पूछते हैं ताकि दोबारा बीमारी ना हो, पर हम नेताओं से नहीं पूछते। डरते हैं कि कहीं हमारे काम ना रुक जाए, क्योंकि हम स्वार्थी हैं। विचार हर इंसान के अलग होते हैं, लेकिन तमाम विचार अलग होने से तथ्य नहीं बदलता। कुर्सी से इंसान की बुद्धि का अंदाजा नहीं लगता, जो जितने बड़े पद पर वो उतना बुद्धिमान हो, जरूरी नहीं। समाज में उनसे ज्यादा बुद्धिमान हैं लेकिन हम सुनी-सुनाई बातों पर आगे बढ़ते हैं।
संत सीता के आंसू, राम के छाले बताकर करोड़ों लूटते हैं
पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज तमाम संत एक दिन कथा के लाखों-करोड़ों रुपए लेते हैं। सीता के आंसू और राम के पैरों के छालों को भाव में बताकर लोगों को रुलाते हैं। दया का भाव दिखाते हैं, जबकि उन संतों ने ये नहीं बताया कि वनवास गए तो धनुष लेकर क्यों गए। सीता की साड़ी सफेद क्यों रही। जो सीता लंका में थीं, वो कौन थीं।
भारत माता के लगे जयकारे
कुलश्रेष्ठ जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, भारत माता की जय और वन्देमातरम गूंज उठा। उन्होंने ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए त्याग और समर्पण का होना सबसे जरूरी है। हर नागरिक को देश की सुरक्षा के प्रति समर्पित होना चाहिए। यही वास्तविक राष्ट्रभाव व राष्ट्रवाद होगा। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय ने जरूर कहा होगा कि हजारों मंगल पांडेय पैदा होंगे, लेकिन आज मुझे दुख होता है,जब देखता हूं कि मंगल पांडेय अब पैदा नहीं होते। कार्यक्रम के संयोजक तुषार शाह ने बताया कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रान्त के सभी समाज के प्रमुख नागरिकों को आमंत्रित किया था। इस अवसर पर समाज प्रमुखों का सम्मान तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। उसके बाद देश के सुप्रसिद्ध विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का सनातन और भारत विषय पर उदबोधन हुआ। पुष्पेन्द्र ने देशभर में आयोजित कई कार्यक्रमों में शिरकत की है तथा सनातन और राष्ट्र के विषय पर बोलकर हिंदुओं को जागरूक करते हैं। वे एक पत्रकार भी रह चुके हैं तथा सोशल मीडिया में उनके लाखों प्रशंसक हैं जबकि विभिन्न विषयों पर उनके वीडियो सुने जाते हैं, वायरल भी होते रहे हैं।