“संसद में किसानों के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, जगदीप धनखड़ ने की कड़ी निंदा”
नई दिल्ली : शीतकालीन सत्र के सातवें दिन, बुधवार को संसद में विपक्ष ने किसानों के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया। इस दौरान विपक्षी नेता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यह दावा कर रहे थे कि किसानों का मुद्दा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। विपक्षी सांसदों ने “यह सरकार नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए, जिसके बाद कई नेता विरोधस्वरूप सदन से बाहर चले गए। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने खड़े होकर नाराजगी जाहिर की और विपक्षी नेताओं को डांटते हुए कहा कि किसानों के मुद्दे का उपयोग स्वार्थ के लिए नहीं किया जाएगा और सदन में नारेबाजी और दिखावटी आंसू नहीं चलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले पांच दिनों में विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया था, और अब जब सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही थी, तब यह सब नहीं चलेगा।
साथ ही, अडाणी और संभल हिंसा के मामलों पर विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से अनुरोध किया कि वे संसद के गेट पर प्रदर्शन न करें, क्योंकि कई महिला सांसदों ने इस मामले पर शिकायतें की थीं। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार सदन की कार्यवाही के लिए ठीक नहीं है। विशेष रूप से, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने गाजीपुर सीमा पर जाकर विरोध जताया, लेकिन भारी पुलिस बल के कारण उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद, कुछ विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट किया।
विपक्षी नेताओं के विरोध प्रदर्शन और सदन में हो रही बहस ने शीतकालीन सत्र की स्थिति को और भी उबाऊ बना दिया, क्योंकि विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक जारी रही। इस बीच, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी रखे, जिससे संसद की कार्यवाही में कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका।