गांव-गांव में सीएससी सेंटर की शुरुआत: अब पेंशन और आर्थिक लेन-देन होगा और भी आसान
रायपुर : प्रेस वार्ता में गृहमंत्री विजय शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी सरकार की उपलब्धियों को विस्तारपूर्वक बताया और जनता के सहयोग को सरकार की सफलता का आधार माना। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव जी ने अपने कार्यकाल की शुरुआत कैबिनेट की पहली बैठक में ऐतिहासिक फैसले लेकर की, जिसमें 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 32 लाख 50 हजार ग्रामीण आवास आवंटित किए गए, जिसमें से 8 लाख 46 हजार 931 आवास छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत हुए।
ग्रामीण विकास की दिशा में बड़े कदम: आवास, स्वास्थ्य और आर्थिक सुधार
गृह मंत्री ने बताया कि राज्य में 200 से अधिक “महतारी सदन” निर्माणाधीन हैं, जिनमें से प्रत्येक की लागत 29 लाख रुपये है। ये स्वास्थ्य सुविधाएं विशेष रूप से माताओं और बच्चों के लिए समर्पित होंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायत सचिवों की पांच वर्षों से लंबित राशि, 48 करोड़ रुपये, जारी कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिससे उनकी आजीविका को सहारा मिला है।
पंचायतों में आर्थिक लेन-देन को सशक्त करने की नई पहल
गृह मंत्री ने एक अनोखी योजना की जानकारी दी, जिसमें हर गांव में “सीएससी सेंटर” या महिला सखी के माध्यम से पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं की राशि को गांव के स्तर पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक लेन-देन और सुगमता से हो सकेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य माताओं और बहनों को सुविधा प्रदान करना है, ताकि उन्हें लंबी दूरी तय न करनी पड़े।
पिछड़ी जनजातियों के लिए विशेष योजनाएं: सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे का विस्तार
गृह मंत्री ने बताया कि “पीएम जनमन योजना” के अंतर्गत विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों को लाभान्वित करने का प्रयास किया गया है। इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी को ध्यान में रखते हुए, बसाहटों तक सड़कें बनाई गई हैं, जिससे इन इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत 32,000 नए आवास बनाए गए हैं, जो राज्य की ग्रामीण जनता को आवासीय सुरक्षा प्रदान करेंगे।
भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश
गृह मंत्री ने सरकार की भविष्य की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य हर गांव को आत्मनिर्भर बनाना है। पंचायत स्तर पर डिजिटल और वित्तीय सशक्तिकरण पर जोर दिया जाएगा। इस नई व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी और लोगों को उनकी दैनिक जरूरतों के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी।
