नीतीश कुमार को मिला बड़ा झटका: पूर्व मंत्री खुर्शीद आलम ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की

बिहार:   बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बड़ा झटका लगा है। बेतिया से जुड़े पूर्व मंत्री खुर्शीद आलम ने अपनी बगावत का ऐलान करते हुए सिकटा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। पिछले कुछ समय से पार्टी से दूरी बनाए रखने के बाद अब खुर्शीद आलम ने यह कदम उठाया है, जो नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक चुनौती बन सकता है।

खुर्शीद आलम के समर्थकों ने मैनाटांड में एक रैली आयोजित की, जहां उन्होंने जोरदार समर्थन प्रदर्शित किया। रैली के दौरान, उनके समर्थकों ने उन्हें लड्डुओं से तौला, जो उनकी लोकप्रियता और क्षेत्र में उनके समर्थकों की संख्या को दर्शाता है। खुर्शीद आलम ने इस अवसर पर नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि अगर पार्टी उन्हें चुनावी टिकट नहीं देती है, तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिला, तो वे किसी अन्य पार्टी से भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।

जनसभा के दौरान खुर्शीद आलम ने सिकटा की जनता के लिए दो लोकप्रिय गाने भी गाए, जो उपस्थित लोगों में जोश भरने का काम किया। पहले गाने “दिल दिया है, जान भी देंगे, ऐ सिकटा तेरे लिए” ने भीड़ का दिल जीत लिया। इस उत्साह के बीच, उन्होंने कहा, “अब जो होगा सो देखा जाएगा, चुनाव तो लड़ना तय है।”

खुर्शीद आलम को बिहार की राजनीति में एक प्रमुख अल्पसंख्यक नेता माना जाता है, जिन्होंने पश्चिम चम्पारण के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहने का गौरव प्राप्त किया है। इस बीच, उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान ने सीएम नीतीश कुमार की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि खुर्शीद आलम का यह कदम न केवल उनके राजनीतिक करियर का महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह बिहार की राजनीति में भी एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।