“प्रदेश के विकास में नई दिशा: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के निर्णय”

रायपुर :  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन निर्णयों का उद्देश्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाना है, बल्कि राज्य की सामाजिक और आर्थिक संरचना को भी मजबूत करना है।

प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली की बहाली

बैठक में नगर पालिक निगमों और नगर पालिकाओं के महापौर एवं अध्यक्षों के प्रत्यक्ष चुनाव कराने का निर्णय लिया गया। इसके लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 और छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई। 1999 से पहले यह प्रणाली लागू थी, लेकिन बाद में इसे अप्रत्यक्ष प्रणाली में बदल दिया गया था। अब इस बहाली के माध्यम से जनता को अपने प्रतिनिधि सीधे चुनने का अधिकार पुनः दिया गया है, जो अधिक लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया को सुनिश्चित करेगा।

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में बढ़ोतरी

पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के आधार पर OBC के लिए आरक्षण सीमा को 25% से बढ़ाकर 50% करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया। यह निर्णय स्थानीय निकायों और पंचायत राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व को मजबूत करेगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 में संशोधन भी किया जाएगा।

चना वितरण योजना में सुधार

राज्य सरकार की चना वितरण योजना के तहत 30 लाख से अधिक परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। पात्र राशन कार्ड धारकों को 5 रुपये प्रति किलो की दर से उच्च गुणवत्ता वाला चना उपलब्ध कराने के लिए, चना खरीद प्रक्रिया को ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से गुणवत्ता और वितरण प्रणाली की पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता का चना मिलेगा।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया। छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत, पर्यटन, मनोरंजन, वेलनेस, और एग्रो टूरिज्म को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे साहसिक पर्यटन, जल पर्यटन और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इस नीति के तहत निवेशकों को उद्योगों की तरह अनुदान, रियायत और छूट प्रदान की जाएगी, जिससे पर्यटन क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित होगा।

परिणाम और प्रभाव

इन निर्णयों से छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र को मजबूत करने, पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाने और प्रशासनिक सुधारों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, चना वितरण योजना से गरीब और वंचित वर्ग को राहत मिलेगी। पर्यटन क्षेत्र में सुधार से राज्य की आर्थिक स्थिति में तेजी आएगी, स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर पहचान मिलेगी।यह बैठक राज्य की समावेशी विकास और प्रगतिशील नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।